
योगेंद्र मकवाना नलखेड़ा। स्थानीय सिविल अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। वहाँ गत तीन दिनों से ना तो सुविधाघर में पानी पहुंचा और ना ही पीने का पानी मरीजों को मिला। अस्पताल परिसर में गंदगी के दर्शन भी आम दृश्य बन रहे है। जिम्मेदार मोटर खराब होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ते दिखाई दिए।
स्थानीय सिविल अस्पताल में तीन दिनों से पानी नही होने की जानकारी लगने के बाद पत्रकारों का एक दल अस्पताल पहुंचा। जहाँ भर्ती प्रसूताओं ने बताया कि पिछले तीन दिनों से सुविधाघर में पानी नही आ रहा है जिसके कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शौच आदि के लिए उन्हें नाले अथवा नदी पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। बाथरूम में पानी नही आने के कारण पूरे वार्ड में बदबू फैल रही है जिसके कारण यहाँ रहना भी दुश्वार हो रहा है। बदबू के कारण महिला मरीजो के अटेंडर को मुंह पर कपड़ा लगाकर अपने मरीज के साथ बैठना पड़ रहा है।
जनरल वार्ड में भर्ती इन महिला मरीजों ने बताया कि इस बारे में तीन दिनों से अस्पतालकर्मियों को बोला जा रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नही है।
उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय पहले ही बाथरूम में पानी आना प्रारम्भ हुआ है।
प्रसूताओं के साथ आई महिलाओं ने बताया कि यहाँ पीने का पानी भी उपलब्ध नही है जिसके कारण या तो हमे बाजार से पानी की बोतल खरीदकर लाना पड़ रही है या किसी होटल पर जाकर पानी लाना पड़ रहा है।
प्रसूताओं ने बताया कि तीन दिन से पानी के लिए परेशान हो चुकने के बाद बुधवार को एक परिजन से वीडियो बनवाकर आप तक पहुंचाया गया। आपके आने के बाद बाथरूम में पानी आना प्रारम्भ हुआ।
इसके साथ ही पत्रकारों के दल को अस्पताल में प्रसूता वार्ड के बाहर ही गंदगी पसरी दिखाई दी जहाँ से बदबू भी उठ रही थी जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे हफ़्तों से यहाँ सफाई नही हुई है। ऐसे में मरीज जो यहाँ स्वास्थ्य लाभ लेने आये है वे और अधिक बीमार होकर जा सकते है।
बताया जाता है कि सिविल अस्पताल में दो स्थाई सफाई कर्मियों के साथ चार दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मी भी कार्यरत है, बावजूद इसके अस्पताल परिसर में सफाई कर नहीं हो पा रहा है।
मामले में जब बीएमओ डॉ विजय यादव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि मोटर खराब हो जाने से टंकी में पानी नही भरा था दूसरी मोटर से पानी भरने के निर्देश दे दिए गए थे। सफाई के संबंध में उन्होंने बताया कि सफाईकर्मियों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है जो अस्पताल की समुचित सफाई का ध्यान रखेंगे।
यहाँ यह प्रश्न खड़ा हो रहा है कि आखिर तीन दिन अस्पताल में पानी नही रहा और मोटर खराब हो गई है तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा तत्काल दूसरे स्थान से अथवा टंकी भरने की व्यवस्था क्यो नही की गई। टंकी में पानी भरने के लिए टैंकर क्यो नही बुलाये गए।
कही ना कही अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है जिसके कारण मरीजों को तीन दिन तक बगैर पानी के अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा।
इनका कहना है –
मोटर खराब हो जाने से टंकी नही भर पाई थी अब दूसरी ओर से टंकी भरी जा रही है। सफाई के लिए एक सुरपाइजर नियुक्त कर दिया गया है जो सफाई व्यवस्था देखेंगे। वर्तमान में सिविल अस्पताल में दो स्थाई सफाई कर्मियों के साथ चार दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मी कार्यरत हैं।
-डॉ विजय यादव
बीएमओ, सिविल अस्पताल
नलखेड़ा
