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November 15, 2024 12:32 pm

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सुसनेर: 75 की उम्र में आज भी साईकिल चलाते है गंगाराम टेलर, दिन में बनाते है भगवान की पोषाक, रात में करते है सुंदरकांड

राकेश बिकुन्दियासुसनेर। वेसे तो हमारे मालवा क्षेत्र में अनेक पर्यावरण प्रेमी है। लेकिन हमारे शहर में एक बुजूर्ग ऐसे भी है जो पर्यावरण प्रेमी होने के साथ-साथ गृहस्थ होने के बाद भी न सिर्फ 75 साल की उम्र में साईकिल चलाकर पर्यावरण के प्रति आमजन को जागरूक कर रहे हैबल्की सनातन धर्म का अनुसरण करने की सीख भी धार्मिक आयोजनो में दे रहे है। इनका नाम है गंगाराम टेलर जिनकी उम्र 75 साल है।

भजन गाते हुए गंगाराम टेलर

वे आज भी वही साईकिल चला रहे है जिससे कभी बचपन में उन्होने साईकिल चलाना सीखा था। यही कारण है की उम्र भले ही उनकी 75 हो गई होलेकिन वे आज भी स्वस्थ्य है। बेबाकी से न सिर्फ सभी मुद्दो पर बोलते है बल्कि संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी करते है और शहर के मंदिरो में अखंड रामायण पाठ का वाचन भी कर रहे है। वे कभी पैदल तो कभी अपनी साईकिल से सुबह शाम मंदिरो के दर्शन करने के लिए निकल पडते है।

इस तरह दिन के समय गंगाराम बनाते है भगवान की पोषाक

दिन के समय वे अपनी दुकान पर भगवान की पोषाक बनाते है और रात्रि के समय संगीतमय सुंदरकांड में श्रृद्धालुओ को सनातन धर्म का अनुसरण करने की सीख देते है। यही कारण है की शहर में प्राचीन समय से चली आ रही श्रीराम सुंदरकांड समिति के वे आज भी सबसे वरीष्ठ और पुराने सदस्य है।

सुंदरकांड में देते है सनातन धर्म का अनुसरण करने की सीख।

गंगाराम बुजूर्गो के साथ ही युवा पीढी के लिए भी जीता जागता एक ऐसा उदाहरण है। जिनकी उम्र भले ही 75 साल की हो गई होलेकिन उम्र के इस आखरी पडाव पर भी वो साईकिल चलाकर अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही है। साथ ही लोगो को पर्यावरण प्रदुषण के प्रति जागरूक भी कर रहे है। गंगाराम बताते है की उन्होने बचपन से लेकर 75 वर्ष की आयु तक साईकिल से कई किलोमीटर दूरी तक की यात्राएं भी की है। चाहे फिर व पंचदेहरीया महादेव का मंदिर हो या फिर कालवा बालाजी का मंदिरमोरूखेडी का मंदिरत्रिवेणी संगम के ताखला में स्थित मंदिर जैसे धार्मिक स्थलो की यात्राएं शामिल है।

साईकिल चलाकर 75 साल की उम्र में भी देर है पर्यावरण का संदेश।

वे बताते है की प्राचीन समय में संसाधन नहीं होते थे इसलिए आसपास के ग्रामीण अंचल में साईकिल से ही आना जाना करते थे। अपने घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अपनी दुकान पर आने-जाने के लिए वे आज भी अपनी साइकिल का ही उपयोग करते है। इन्होने साईकिल चलाना आज भी नहीं छोडा है जिसके कारण वे आज भी स्वस्थ्य है।

 

 

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Author: malwakhabar

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