UPSC सिविल सेवा की तैयारी के लिए समग्रता एवं संतुलन आवश्यक है। वैकल्पिक विषय की महत्ता इस बात से और बढ़ जाती है कि यह विषय स्कोरिंग होता है। इस विषय के चयन के साथ कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं, जिस पर चर्चा के लिए हमारे साथ हैं संस्कृति IAS के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर। सर इतिहास (सामान्य अध्ययन एवं वैकल्पिक) विषय पढ़ाते हैं। अखिल मूर्ति सर दो दशक से अधिक समय से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। वर्तमान में सर संस्कृति IAS Coaching में पढ़ा रहे हैं।
संस्कृति IAS Coaching UPSC सिविल सेवा की तैयारी कराने वाली देश की सर्वश्रेष्ठ संस्था है, जिसका उद्देश्य परीक्षा के लिहाज से एक बेहतर परिवेश उपलब्ध कराना है। अभ्यर्थियों को अपने कक्षा कार्यक्रम, अध्ययन-सामग्री और जाँच परीक्षाओं के माध्यम से परीक्षा के लिये सर्वश्रेष्ठ रूप से तैयार करना है।
संस्कृति IAS कोचिंग के श्री अखिल मूर्ति सर ने सर्वप्रथम पाठ्यक्रम में वैकल्पिक विषय की संक्षिप्त चर्चा करते हुए कहा कि-
- सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) तीन चरणों में संपन्न होती है। द्वितीय चरण (मुख्य परीक्षा) में एक वैकल्पिक विषय का चयन करना होता है, जिसके दो प्रश्नपत्र 250-250 (कुल 500) अंकों के होते है।
- आयोग द्वारा वैकल्पिक विषय की निर्धारित सूची में से किसी भी विषय को चुनने की स्वतंत्रता होती है।
- मुख्य परीक्षा में शामिल वैकल्पिक विषय में प्राप्त अंक भी अंतिम मेरिट तय करने में शामिल होते हैं।
वैकल्पिक विषय के अध्ययन की रणनीति साझा करते हुए कहते हैं कि- जिन अभ्यर्थियों का वैकल्पिक विषय अकादमिक विषय से सुसंगत होता है, जिसे अभ्यर्थी ने बेहतर ढंग से पढ़ा भी होता है तो सम्भावना बनती है कि इसकी तैयारी स्वाध्याय से की जा सकती है।
- हालाँकि अकादमिक पाठ्यक्रम एवं उसकी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति UPSC की परीक्षा से भिन्न होती है। जहाँ अकादमिक में सैद्धांतिक पक्ष की प्रधानता होती है वहीं UPSC में व्यवहारिक पक्ष की।
- वैकल्पिक विषय के चयन करते समय कुछ बाते ध्यान रखनी होती हैं-
- बेहतर होगा कि वैकल्पिक विषय अकादमिक विषय समान हो।
- मानविकी विषय का चयन बेहतर होगा।
- कोशिश करें कि विषय का चयन सामान्य अध्ययन की तैयारी शुरू करने के कुछ समय बाद करें, हो सकता है किसी विषय में रूचि जगे।
- चयन में इस बात पर भी ध्यान होना चाहिए कि किस विषय में अंक मिलने की दर ज्यादा है।
- वैकल्पिक विषयों में पूछे जाने वाले प्रश्न अभ्यर्थी से विषय में गहरी समझ की अपेक्षा रखते हैं।
- जिन विद्यार्थियों का वैकल्पिक विषय अकादमिक विषय से भिन्न होता है। उन अभ्यर्थियों को विषय में गहरी समझ विकसित करने के लिए विश्वसनीय कोचिंग से जुड़ जाना बेहतर होगा।
अंत में सर ने कहा कि इस परीक्षा में प्रतिस्पर्धा अधिक है, यहाँ एक-एक अंक मायने रखता है। वैकल्पिक विषय का चयन सजगता से करें। ऐसी नौबत न आए कि वैकल्पिक विषय सफल होने में बाधा बने या इसे बदलना पड़े।