Search
Close this search box.

November 15, 2024 4:01 pm

Search
Close this search box.

चुनाव में मुख्य मुद्दा बनेगा, नलखेड़ा के माँ बगलामुखी मंदिर के सौंदर्यीकरण का मामला

नलखेड़ा। अगले कुछ दिनों में प्रदेश की विधानसभा के चुनाव की घोषणा हो जाएगी। विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले नेताओं को चुनाव के दौरान आम जनता को इसका जवाब देना होगा कि विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर के सौन्दर्यीकरण के प्लान को स्वीकृति क्यो नही मिली,यह चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। क्योंकि प्रदेश में कई धार्मिक स्थलों पर करोड़ो रूपये की लागत से विभिन्न लोक बनाने की घोषणाएं प्रदेश सरकार कर चुकी है।
काशी विश्वनाथ के बाद उज्जैन में महांकाल लोक बनाने के तत्काल बाद ही नलखेड़ा में स्थित विश्व प्रसिद्ध तांत्रिक स्थली, सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं दर्शनार्थियों की सुविधाओं के लिए विभिन्न विकास कार्यो का प्लान बनाने का कार्य प्रारंभ हो गया था।


प्रारंभिक रूप से प्लान तैयार कर एक बार प्रशासन द्वारा आम जनता के सुझाव भी लिए जा चुके थे। लेकिन उसके बाद ना तो किसी प्रशासनिक अधिकारी और ना ही किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इस संबंध में कई चर्चा की गई।


माँ बगलामुखी मंदिर के सौन्दर्यीकरण का प्लान तैयार होने के बाद प्रदेश में कई धार्मिक स्थलों पर करोड़ो रूपये की लागत से विभिन्न लोक बनाने की घोषणा व कार्य प्रारंभ करने के लिए शिलान्यास भी किये जा चुके है। आगर जिले में ही पिपलिया बालाजी व बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर के सौन्दर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन हो चुका है। लेकिन माँ बगलामुखी मंदिर के सौन्दर्यीकरण को लेकर कोई हलचल दिखाई नही दी है।


मप्र तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माखनसिंह चौहान की पहल पर बनाये गए माँ बगलामुखी मंदिर के सौंदर्यीकरण प्लान को आखिर क्यों ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जबकि इस विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ को शिवराजसिंह चौहान अपने पहले कार्यकाल में ही धार्मिक पर्यटन केंद्र घोषित कर यहाँ सौन्दर्यीकरण के कुछ कार्य करवा चुके थे।


यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि इस सिद्धपीठ पर प्रतिवर्ष लगभग 25 लाख दर्शनार्थी दर्शनों के लिए पहुंचते है। साथ ही यहाँ एवं इसके आसपास मात्र कुछ किलोमीटर के क्षेत्र में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं विद्यमान है।


इन सभी के बाद भी वर्तमान समय मे इस विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ पर बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों के लिए ठहरने के साथ ही सुविधा घर जैसी मूलभूत आवश्यकता भी उपलब्ध नही है।
जिस प्रकार से प्रदेश सरकार के मुखिया प्रदेश भर में धार्मिक स्थलों के सौन्दर्यीकरण के लिए घोषणाएं कर रहे है उससे नगर व क्षेत्र के माता भक्तों को भी यह विश्वास था कि चुनाव के पूर्व सरकार माँ बगलामुखी मंदिर के सौन्दर्यीकरण व अन्य सुविधाओं के प्लान को स्वीकृत करने की घोषणा कर देगी लेकिन अब जबकि आचार संहिता लगने में कुछ दिनों का समय शेष रहा है भक्तों का विश्वास टूटने लगा है।


यहाँ यह भी उल्लेखित है कि मंदिर के तैयार किये गए प्लान में मंदिर के आसपास की जो अशासकीय भूमि उपयोग में आना थी उन भूमियों के नामान्तरण व भूमियों पर निर्माण अनुमति प्रदान करने पर प्रशासन द्वारा रोक भी लगाई गई थी लेकिन कुछ माह बाद कुछ सर्वे नंबरों को छोड़कर शेष से यह रोक हटा ली गई। जिसके परिणाम स्वरूप मंदिर के आसपास की निजी भूमि की खरीद फरोख्त के साथ ही वहाँ निर्माण कार्य भी होने लगे है जोकि प्लान को मूर्तरूप देने में बाधक बन सकते है।
गौरतलब है कि माँ बगलामुखी मंदिर प्रबंध समिति के बैंक खातों में ही करोड़ो रूपये की राशि जमा है। इस राशि से ही यहाँ भक्तों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करवाये जा सकते है लेकिन प्रशासन भक्तों द्वारा दान दी गई इस राशि का भी उपयोग नही कर पा रहा है।


आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कार्य प्रारंभ होने वाला है। उम्मीदवारों के साथ ही राष्ट्रीय स्तर से लगाकर वार्ड स्तर तक के नेता मतदाताओं को बरगलाने व मुफ्त की रेवड़ियों से लुभाने के लिए उन तक पहुंचेगे तब भक्त उनसे यह जवाब जरूर चाहेंगे कि आखिर माँ बगलामुखी मंदिर के सौंदर्यीकरण के प्लान को सरकार ने स्वीकृति क्यो नही दी है।

malwakhabar
Author: malwakhabar

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

error: Content is protected !!