नलखेड़ा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बाजार मूल्य व कलेक्टर से स्वीकृत दर से अधिक में सामग्री क्रय कर 12 लाख रुपये से अधिक की अनियमितता करने वाले तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाकर सेवा से पृथक किये जाने की मांग शिकायतकर्ता राजेश देसाई द्वारा की गई है।
शिकायतकर्ता श्री देसाई ने मुख्यमंत्री, राज्य शिक्षा केन्द्र, संभागायुक्त को भेजे गए मांग पत्र में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में आगर मालवा जिले के तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी केके अग्रवाल द्वारा 3881755 रुपये की खरीदी की गई थी जिसमे आर्थिक अनियमितता की शंका होने से इसकी जांच की मांग करने पर कलेक्टर द्वारा जिला कोषालय अधिकारी को जांच अधिकारी बनाया गया था। जिनके द्वारा काफी विलंब से जांच प्रारम्भ की गई थी। आवेदक द्वारा जांच अधिकारी को केके अग्रवाल द्वारा बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर सामग्री खरीदने,सामग्री के बॉक्स पर अंकित अधिकतम मूल्य से भी अधिक कीमत में सामग्री की खरीदी के प्रमाण प्रस्तुत किये गए थे।
जांच अधिकारी द्वारा अपने पत्र क्रमांक/स्था/2023/202 आगर मालवा दिनांक 09/05/2023 के साथ 16 पृष्ठ का जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किया गया।
आवेदक द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया।
जांच प्रतिवेदन में तात्कालिक डीईओ केके अग्रवाल द्वारा बाजार मूल्य व कलेक्टर द्वारा अनुमोदित दर से अधिक कीमत में सामग्री क्रय किया जाना पाया गया। फर्नीचर हेतु प्राप्त बजट 716729 रुपये का बंटन प्राप्त हुआ था लेकिन उनके द्वारा 1149780 रुपये का फर्नीचर खरीदते हुवे बंटन आदेश में दिए गए निर्देशों की अवेहलना की गई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जांच प्रतिवेदन में तालिका क्रमांक 01 से 04 तक केके अग्रवाल द्वारा कुल 2349424 रुपये का भुगतान किया गया। जबकि बाजारी कीमत व कलेक्टर द्वारा अनुमोदित दर से 1148565 रुपये होती है। इस प्रकार उनके द्वारा 120089 रुपये का अधिक भुगतान करते हुवे शासन को आर्थिक हानि पहुंचाते हुवे आर्थिक अनियमितता की गई है।
आवेदनकर्ता राजेश देसाई ने मांग पत्र में केके अग्रवाल द्वारा की गई 120089 रुपये की आर्थिक अनियमितता की वसूली करते हुवे उनके खिलाफ आर्थिक अपराध पंजीकृत कर सेवा से पृथक करने की मांग की गई है।