नलखेड़ा। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर विभिन्न लोक के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान कर उनके कार्यो का भूमि पूजन भी किया जा चुका है लेकिन इस मामले में नलखेड़ा व आसपास के रहवासी माँ बगलामुखी लोक के निर्माण को स्वीकृत नही होने से स्वयं को ठगा महसूस कर रहे है। क्योंकि माँ बगलामुखी लोक के बन जाने के बाद यहाँ के व्यापार को पंख लगने की संभावना के साथ ही कई बेरोजगार को रोजगार भी उपलब्ध होता। नगर में स्थित विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी पर महांकाल लोक की तर्ज पर माँ बगलामुखी लोक के निर्माण का प्लान तैयार कर क्षेत्र के लोगों को इसके निर्माण के सपने तो शासन ने दिखा दिए थे लेकिन सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति नही देने से अब क्षेत्रवासी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।
नगर का व्यापार जो कुछ वर्षो पूर्व तक अविभाजित शाजापुर जिले में अव्वल नंबर था वर्तमान में खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है, उस व्यापार को माँ बगलामुखी लोक के निर्माण से पुनः पंख लगने की संभावना बन रही थी। जिस प्रकार से महांकाललोक बनने के बाद उज्जैन का व्यापार कई गुना बढ़ गया है उसी तरह संभावना स्थानीय व्यापारी व्यक्त करने लगे थे।
माँ बगलामुखी लोक के निर्माण के बाद क्षेत्र के कई बेरोजगारों को रोजगार भी मिलने की संभावना थी। लेकिन महांकाललोक के प्रथम चरण के लोकार्पण के पूर्व बन चुके प्लान को स्वीकृत नही करवा पाना कही ना कही स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सत्तापक्ष के नेताओ की कमजोरी उजागर कर रहा है।
माँ बगलामुखी लोक की स्वीकृति नही होने से सम्पूर्ण क्षेत्र वासी मायूस हो गए है क्योंकि इसके माध्यम से क्षेत्र के विकास के नए द्वार खुल सकते थे। अब जबकि विधानसभा चुनाव के लिए कभी भी आचार संहिता लग सकती है ऐसे में यह संभावना क्षीण हो चुकी है कि सरकार माँ बगलामुखी लोक की स्वीकृति प्रदान करेगी।
अब नगर सहित क्षेत्रवासियों को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है जिसके कारण क्षेत्र विकास के साथ कदमताल करने में काफी पीछे छूट सकता है।