व्रत, उपवास व नंगे पेर रहकर भक्त कर रहे मातरानी की आराधना
सुसनेर। रविवार से शक्ति की भक्ति का पर्व शारदीय नवरात्र की शुरूआत क्षेत्र के तमाम देवी मंदिरो में घट स्थापना के साथ की गई। प्रथम दिन शैली पुत्री के रूप में मां का आह्वान कर उनकी विशेष पूजा अर्चना की गई। मातारानी का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया। चुकी यह पर्व देवी की उपासना का पर्व है इसलिए अधिकांश श्रृद्धालुओ ने रविवार की सुबह से ही संकल्प लेकर नंगे पेर रहते हुएं 9 दिनो तक अखंड उपवास करने की शुरूआत की। जिसका पालन करते हुएं भक्त 9 दिनो तक मातारानी की आराधना करेंगे।
रविवार को नवरात्र की शुरूआत के चलते पहले दिन सुबह-सुबह भक्त भी मंदिरो में देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचे। इसके चलते मेला ग्राउंड स्थित शीतला माता मंदिर, चोसठ माता मंदिर, कंकाली माता मंदिर, आबकारी विभाग स्थित कालिका माता मंदिर, तहसील रोड पर स्थित चामुंडा माता मंदिर, सोयत रोड पर स्थित प्रजापति समाज के कालिका माता मंदिर, विघुत मंडल परिसर में स्थित वैष्णो देवी मंदिर समेत क्षेत्र के सभी देवी मंदिरो में श्रृद्धालुओ का तांता लगा रहा।
इन सभी मंदिरो में विधिविधान से घट स्थापना के साथ नवरात्र की शुरूआत की गई। मातारानी का आकर्षक श्रृंगार भी किया गया। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 19 अक्टूबर को मेला ग्राउंड स्थित शीतला माता मंदिर से विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी को चुनर अर्पित करने के लिए 15 वीं पद चुनर यात्रा पंडित जगदीशानंद जोशी के सानिध्य में निकाली जाएगी। जिसमे श्रृद्धालु करीब 25 किलोमीटर दूर पेदल चलकर कर सर्व मनोकामना सिद्धी हेतु मां बगलामुखी को 51 मीटर लम्बी चुनर अर्पित करेंगे।