राकेश बिकन्दिया, सुसनेर। ठीक अगले महिने की 17 नवम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। करीबन 2 लाख 30 हजार के लगभग मतदाता सुसनेर विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग कर नए विधायक को चुनने के साथ ही मध्यप्रदेश में नई सरकार बनाने के लिए मतदान करेंगे। इस चुनाव पर हर खास और आम आदमी की नजरे टिकी हुई है। जगह-जगह चर्चाओ और कयासो का बाजार गर्म है तो वही प्रशासन इस चुनाव को निष्पक्ष रूप से सम्पन्न करवाने की तैयारीयों में जुटा हुआ है। एक और जहां कांग्रेस द्वारा प्रत्याशीयों की सुची जारी होने के बाद सुसनेर और आगर विधानसभा में जनसम्पर्क शुरू हो चुका है तो वही भाजपा में अधिकृत प्रत्याशी को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। मंगलवार को भी दिन भर चोक चोराहो से लेकर गली मोहल्लो तक भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा को लेकर चर्चा चलती रही। कांग्रेस से भैरोसिंह परिहार बापू को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अब भाजपा किसको मैदान में उतारती है इस पर सभी की निगाहे टिकी है।
वेसे भाजपा की सुची में प्रमुख दावेदारो में सुसनेर के निर्दलीय विधायक राणा विक्रमसिंह जो पहले ही भाजपा को अपना समर्थन दे चुके है उनका नाम शामिल है। इसके अलावा 10 सालो तक भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे दिलीप सकलेचा का नाम भी शामिल है। चर्चाओ में पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार का नाम भी चल रहा है।इन सबके अलावा पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव खेलकर चोकाने वाला खुलासा भी कर सकती है। लेकिन मंगलवार की शाम तक भाजपा के द्वारा अपने अधिकृत प्रत्याशियो की सूची नहीं जारी हो सकी। नगर में चलने वाली चर्चाओ का सार भी निकलकर सामने नहीं आ सका। कांग्रेस ने सौधिया समाज से आने वाले भैरोसिंह परिहार पर दाव खेलकर जातिगत समीकरणो को साधने का भी प्रयास किया है। गौरतलब है की सुसनेर विधानसभा में सोंधिया समाज के वोटरो की संख्या 40 हजार के लगभग है। वही दुसरी और पाटीदार समाज के वोटरो की संख्या भी 40 हजार के लगभग है। ऐसे में अब देखना है यह है की भाजपा किस पर दाव खेलकर अपने किले को ढहने से बचाने का प्रयास करेगी।
दोनो पार्टीयो में उठे बगावत के स्वर
इस चुनाव में कांग्रेस के द्वारा अपने प्रत्याशीयों की सुची जारी किए जाने के बाद जगह-जगह से बगावत के सुर उठने लगे है। एक और जहां सुसनेर विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रही कांग्रेस की प्रदेश महिला सचिव एवं जिला पंचायत सदस्य विजय लम्क्षी तंवर ने अपने पद से इस्तिफा दे दिया है तो वही भापजा के पूर्व विधायक संतोष जोशी पहले ही अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तिफा देकर निर्दलीय चुनाव लडने का ऐलान कर चुके है। इसके अलावा कुछ और दावेदार ऐसे है जो भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा के बाद निर्दलीय चुनाव लडने की ताल ठोक सकते है।