रूठो को मनाने का दौर शुरू, की जा रही मान मिन्नते, धीरे-धीरे जोर पकड रहा प्रचार
सुसनेर। भाजपा-कांग्रेस ने तमाम सर्वे और पार्टी की रीति नीतियों को ताक पर रख कर अपने-अपने प्रत्याशीयो की घोषणा कर उन्हे मैदान में तो उतार दिया किन्तु अब दोनो ही पार्टीयो में टिकट की दावेदारी करने वाले जिन पदाधिकारीयो और कार्यकर्ताओ को टिकट नहीं दिया है। उनकी नाराजगी का सामना भाजपा-कांग्रेस को करना पड सकता है। चुनावी सरगर्मी धीरे-धीरे जोर पकड रही है उसी के साथ ही रूठे हुएं को मनाने का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा का गढ कहे जाने वाली सुसनेर विधानसभा में वर्तमान स्थिति में भाजपा के प्रत्याशी राणा विक्रमसिंह से न सिर्फ भाजपा के बल्की उनके स्वयं के जो कार्यकर्ता है वे भी नाराज चल रहे है तो वही दुसरी और कांग्रेस प्रत्याशी भैरोसिंह परिहार को भी भिताराधात का का डर सता रहा है। कांग्रेस से टिकट की दावेदारी करने वाले 11 अन्य दावेदारो में से 1 जीतू पाटीदार ने निर्दलीय चुनाव लडने का ऐलान करके बापू के साथ ही राणा की भी नींद उठा दी है। क्यों कि सुसनेर विधानसभा में सौंधिया और पाटीदार समाज के वोटरो की संख्या लगभग बराबर है। जो हार-जीत का फैसला करती है। इसलिए निर्दलीय चुनाव लडकर के जीतू पाटीदार दोनो ही पार्टीयों का गणित बिगाड सकते है।
उधर भाजपा के पूर्व विधायक संतोष जोशी भी लम्बे समय से सक्रीय है और निर्दलीय चुनाव लडने को लेकर गांवो में जनसंपर्क कर रहे है। जो की अधिकांश भाजपा के वोटरो में ही सेंध लगाएंगे। दोनो ही पार्टी के प्रत्याशीयों ने टिकट की दावेदारी करने वालो को भी साधने का प्रयास शुरू कर दिया है।
एक और जहां कांग्रेस प्रत्याशी भैरोसिंह परिहार बापू ने कुछ दिनो पूर्व ही टिकट की दावेदारी करने वाले पूर्व विधायक वल्लभभाई अम्बावतिया के साथ अपना नामांकन दाखिल किया और साथ ही विजय लक्ष्मी तंवर एवं अन्य दावेदारो से भी मुलाकात कर उनसे भेंट की। तो वही भाजपा प्रत्याशी राणा विक्रमसिंह ने भी टिकट की दावेदारी करने वाले नलखेडा के दिलीप सकलेचा एवं भाजपा के पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार व बद्रीलाल सोनी एवं अन्य दावेदारो से उनके निवास पर पहुंचकर के उनसे मुलाकात की है।