विधानसभा क्षेत्र के नलखेडा में स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी, एमपी-राजस्थान की सीमा पर विराजे है पिपलिया खेडा बालाजी
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। आगर मालवा जिलें की सुसनेर विधानसभा सीट क्रमांक 165, यह क्षेत्र जनसंघ के जमाने से ही भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है। अब तक इस विधानसभा में कूल 15 बार चुनाव हुएं। जिसमें से 10 बार भाजपा ने जीत हासिल की तो वही 4 बार कांग्रेस ने और एक बार निर्दलीय ने जीत का परचम लहराया। लेकिन इस बार कौन बाजी मारेगा यह तो 3 दिसम्बर को चुनाव परिणाम आने पर ही स्पष्ट होगा। वेसे तो अबकी बार दोनो ही प्रमुख राजनेतिक पार्टीयां एक दुसरे को मात देने की कोशिशे कर रही है। हालाकिं दोनो की राह आसान नहीं है। क्यों की बागी दोनो ही पार्टीयों में है।
इस विधानसभा की खास बात यह है की इसके अन्तर्गत नलखेडा नगर भी आता है जहां पर पांडवकालीन विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां बगलामुखी का मंदिर विराजमान है। यहां माता के दरबार में देश-विदेश के अलावा चुनावी मौसम में भाजपा-कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनेतिक दलो के प्रत्याशी भी अपनी जीत का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते है। तो वही मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीमा पर पिपलिया खेडा बालाजी हनुमान मंदिर स्थित है। यहां बैठे हनुमानजी भी श्रृद्धालुओ के साथ ही प्रत्याशीयों के लिए संकट हरने का कार्य करते है। सुसनेर विधानसभा में चुनाव लडने वाले प्रत्याशी हर साल इन दोनो ही मंदिरो में मत्था टेकने अवश्य पहुंचते है। यही कारण इस बार के चुनाव में भी इन दोनो ही मंदिरो में उम्मीदवारो का आना शुरू हो गया है। इसके अलावा एशिया का सबसे पहला कामधेनु गो अभ्यारण्य भी सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सालरिया में स्थित है। जो शहर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है। वेसे तो इसकी स्थापना भाजपा सरकार में हुई, किन्तु सरकार इसे चलाने में असमर्थ साबित हुई। कई बार यह गो अभ्यारणय राजनीति का अखाडा भी बना, इसलिए पिछले कुछ महिनो से इस गो अभ्यारण्य का संचालन पथमेडा के संत के द्वारा किया जा रहा है।
रोजगार की कमी, इसलिए पलायन करते है युवा
इस विधानसभा में औद्योगिक मान से कुछ भी नहीं है, इसलिए रोजगार का टोटा है। यहां जरूरत के हिसाब से काम एवं वेतन नहीं मिलने के कारण अधिकांश युवा बेहतर काम की तलाश में पलायन कर जाते है। इस और 5 सालों तक न तो जनप्रतिनिधि ध्यान देते है और न ही प्रशासन। अब जैसे चुनाव का मौसम आया है तो प्रशासन मतदान प्रतिशत बढाने के लिए पलायन कर चुके वोटर्स से वोट डालने की अपील करते हुएं उन्है अपने गृह क्षेत्र बुलाने की अपील इनके परिजनो से कर रहा है तो वही प्रत्याशी भी चुनाव में वोट की अपील करते हुएं उन्है बुलाने की बात बोल रहे है। ये लोग वोट डालकर चले भी जाएंगे, लेकिन स्थानीय स्तर पर इनकी बैरोजगारी की समस्या हल नहीं होगी।
इस सीट का समीकरण
सुसनेर सीट का जातीय समीकरण है आगर मालवा जिले की सुसनेर सीट की पहचान मिठास के लिए हैं। इस सीट पर सोंधिया, राजपूत और यादव समाज के मतदाता निर्णायक होते हैं। यहां सोंधिया समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 40 हजार है।
कुल मतदाता- 2 लाख 35 हजार 92
महिला – 1 लाख 21 हजार 162 मतदाता
पुरुष – 1 लाख 13 हजार 923 मतदाता
अन्य- 07
कुल मतदान केन्द्र- 307
अब तक के विधायक-
2018 में विक्रम सिंह राणा (निर्दलीय)
2013 में मुरलीधर पाटीदार (भाजपा)
2008 में संतोष जोशी (भाजपा)
2003 में फूलचंद वेदिया (भाजपा)
1998 में वल्लभभाई (कांग्रेस)
1993 में वल्लभभाई (कांग्रेस)
1990 में बद्रीलाल सोनी (भाजपा)
1985 में हरिभाऊ जोशी (बीजेपी)
1980 में राणा नटवर सिंह (कांग्रेस)
1977 में हरि भाऊ जोशी (भाजपा)
1972 में हरिभाऊ जोशी (भाजपा)
1967 में शिवलाल वेदिया (जनसंघ)
1962 में हरिभाऊ जोशी (जनसंघ)
1957 में हरिभाऊ जोशी (जनसंघ)
1952 में राणा मानसिंह (कांग्रेस)