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भाजपा लाडली बहना योजना तो कांग्रेस नारी सम्मान योजना के भेरोसे बहनो को साधने में जूटी
ब्यूरो रिपोर्ट @ मालवा ख़बर।
इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनो ही सत्ता की कुर्सी बहनो के जरीए पाने का प्रयास कर रहे है। पूरे प्रदेश में 2 करोड 60 लाख से भी अधिक महिला मतदाता है। जिनके भरोसे दोनो ही राजनेतिक दल सत्ता पर काबिज होने की जद्दोजहद करते हुएं दिखाई दे रहे है। इस बार के चुनाव में ऐसा माना जा रहा है की विधानसभा सीटो के साथ ही प्रदेश के मुखिया की कुर्सी को तय करने में बहने हार-जीत तय कर सकती है। इसके चलते दोनो ही दलो ने कुछ विधानसभा सीटो पर महिला उम्मीदवारो को भी मैदान में उतारा है।
भाजपा का लाडली बहना योजना और कांग्रेस नारी सम्मान योजना से लुभावने वादे कर रही है। लेकिन इस अनुपात में दोनो ही दल महिलाओ को टिकट देने में पीछे है। बीजेपी और कांग्रेस दोनो ही दल महिला वोटरो को अपनी झोली में बटोरने की कोशिशे कर रहे है। आगर जिलें में सुसनेर और आगर दोनो ही विधानसभा सीटो पर भी यह खेल खेलने के प्रयासो में दोनो ही पार्टीया जुटी हुई है। यही कारण है की गत दिवस मुख्यमंत्री सुसनेर दोरे पर आए तो उन्होने लाडली बहना योजना की निर्धारित राशि को बढाकर 3 हजार रूपये तक करने की बात बोल दी। वही दूसरी और कांग्रेस के प्रत्याशी भी नारी सम्मान योजना को लेकर महिला वोटरो को साधने की पूरी-पूरी कोशिश कर रहे है।
परिवार साथ आया है परिणाम चोकाने वाले हो सकते है
भाजपा-कांग्रेस के द्वारा बहनो को लेकर किये गए वादो से प्रेरित होकर इन बहनो के साथ ही यदी परिवार भी साथ आ गया और किसी एक पार्टी को वोट देने का मन बना लिया तो परिणाम चोकाने वाले भी सामने आ सकते है। फिलहाल तो भाजपा सरकार के द्वारा लाडली बहना योजना के शुरू होने के कारण बहनो को भैया शिवराज ज्यादा पसंद आ रहे है। किन्तु बहनो का सबसे ज्यादा स्नेह भाजपा को मिलता या कांग्रेस को यह तो 3 दिसम्बर का परिणाम आने पर ही पता चलेगा।
पुरानी पेशंन बहाली को लेकर कर्मचारीयो का कांग्रेस की और छुकाव
पुरानी पेंशन बहाल करने की बात कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कही है। राजस्थान में इसको लागू भी कर चुकी है। जिसके चलते मध्यप्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव में शासकीय कर्मचारीयो का छुकाव कांग्रेस के साथ ज्यादा दिखाई दे रहा है। इसका फायदा कांग्रेस को मिल भी रहा है। शासकीय विभागो में कार्य करने वाले विविध संगठन कांग्रेस के इस निर्णय से खुश है।