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November 15, 2024 4:25 am

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सुसनेर: तिनका-तिनका जोडकर बना दिया महल जैसा मंदिर, श्री खेडापति सरकार का दीवाना है पूरा शहर


कल होगा सुसनेर का सबसे बडा अन्नकुट महोत्सव, हजारो श्रृद्धालु पहुंचेगे धर्मलाभ लेने


मालवा ख़बर @ राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर।

हमारे शहर की आस्था का केन्द्र बना श्री खेडापति हनुमान मठ मंदिर आधुनिक युग में तो किसी परिचय का मोहताज नही है, किन्तु एक समय ऐसा था की बहुत ही कम श्रृद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचते थे, एक पीपल के वृक्ष के नीचे खेडापति हनुमानजी की प्रतिमा विराजमान थी। किन्तु समय बीतता चला गया और धीरे-धीरे श्रृद्धालुओ की मंदिर के प्रति आस्था जगी साथ ही मंदिर समिति ने भी जनसहयोग के लिए नगरवासिया से सहयोग मांगा तो इतना जीर्णोद्धार हुआ की आज यह मंदिर एक महल जैसा रूप ले चुका है।

खेडापति सरकार

पिछले 10 से 15 सालो में मंदिर समिति व नगरवासियो के अथक प्रयासो से ही यह सब कुछ संभव हो पाया है। 1 रूपये से लेकर लाखो रूपये तक तिनका-तिनका जोडकर इस मंदिर को महल जैसा रूप दिया है। यही वजह है की आज पूरा शहर खेडापति सरकार का दीवाना है। इसी के चलते कल 25 नवम्बर शनिवार को सुसनेर शहर का सबसे बडा अन्नकूट महोत्सव इसी मंदिर में आयोजित होने जा रहा है। जिसमें हजारो श्रृद्धालु शामिल होकर धर्मलाभ अर्जन कर भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे।

जीर्णोद्धार के बाद इस तरह से महल जैसा दिखाई देता है मंदिर, ड्रोन केमरे से लिया गया चित्र।

ऐसे की थी शुरूआत

कुछ सालो पूर्व मंदिर समिति ने नवाचार की दिशा में पहल करते हुएं दान पेटी की शुरूआत की। जिसको लेकर बकायदा एक व्यक्ति घर-प्रतिष्ठानो पर जाकर उसको घुमाता था उसमें नगरवासी अपने श्रृद्धानुरूप एक रूपये से लेकर 10 रूपये या उससे अधिक की राशि तक डालते थे। उसके बाद उसी राशि से एवं अन्य सहयोग राशि से मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया तो नगरवासियो का विश्वास जागा की उनके एक रूपये का भी मंदिर में सदुपयोग हो रहा है। उसके बाद यहा दानदाताओ की संख्या बढने लगी। उसी का नतीजा है की आज भी इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य प्रगति पर है। करोडो रूपयो की लागत से मंदिर में निर्माण कार्य हो चुके है जिसमें किलेनुमा दीवार, प्रवेश द्वार, धर्मशाला, इत्यादि कार्य शामिल है।

गिरी परिवार 15 पीडियो से कर रहा है पूजा

15 पीढी से गिरी परिवार कर रहा पूजा

मंदिर के पुजारी दीपक गिरी के पिता रामजी गिरी के अनुसार यह उनकी 15 वीं पीढी चल रही है जो मंदिर में प्रतिदिन पुजा करते है। मंदिर में विराजित खेडापति सरकार की यह प्रतिमा नगर की स्थापना से भी पहले की है। एक समय ऐसा था की इस मंदिर में कुछ ही लोग दर्शन करने के लिए आते थे और अपने स्तर से ही अन्नकुट सम्पन्न कर लिया करते थे। तब मंदिर का रूप भी छोटा था। किन्तु समय बदला और परिवर्तन की लहर दोडी तो आज इस मंदिर ने महल जैसा रूप ले लिया है।

इस तरह किलेनुमा आकृति से बना हुआ है मंदिर

हवन शांति सम्पन्न, कल 56 भोग के साथ शुरू होगा अन्नकुट

शहर की कंठाल नदी के किनारे स्थित श्री खेडापति हनुमान मठ मंदिर में आज शहर का सबसे बडा अन्नकुट महोत्सव होने जा रहा है। जिसमें करीब हजारो श्रृद्धालु शामिल होकर के भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे। अतिप्राचीन इस मंदिर में विराजित स्वयं भू हनुमानजी की प्रतिमा के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रृद्धालु यहां पर पहुंचते है। शुक्रवार को इस मंदिर में विराजित पीपलेश्वर महादेव का अभिषेक कर हवन शांति भी की गई। कल सुबह खेडापति हनुमानजी का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। उसके बाद सुंदरकांड पाठ और शाम के समय आरती कर 56 भोग लगाकर के अन्नकुट महोत्सव का शुभारंभ होगा।

मंदिर में 15 लाख रूपये की लागत से बनाया गया है प्रवेश द्वार।

जनसहयोग से ये हुएं विकास कार्य

मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य के चलते मंदिर अभी तक लाखो रूपयो की लागत से मंदिर में विकास कार्य हो चुके है। इसमें मंदिर का शिखर, धर्मशाला, परिसर, किलेनूमा दीवार, सामुदायिक भवन, भोजनशाला, मंदिर के बाहर सुरक्षा की दृष्टी से बाउन्ड्रीवाल आदि शामिल है। अब विकास कार्यो की अगली कडी में 15 लाख रूपये की लागत से प्रवेश द्वार भी लगाया गया है।

malwakhabar
Author: malwakhabar

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