आगर। उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के द्वारा जारी किए आदेश के परिपालन में आगर जिला कलेक्टर राघवेन्द्रसिंह ने एक आदेश जारी करते हुएं खुले नलकूप, सार्वजनिक एवं निजी बोरवेल, खुले कुए कुईया, बिना मुंडेर वाले कुए में छोटे बच्चों एवं व्यक्तियों को गिरने की घटना रोके जाने के संबंध में आदेश जारी किया है। साथ ही सम्बंधितो से इन जलस्त्रोतो को जाली लगाकर या अन्य साधनो के जरीए बंद किये जाने की अपील की और ऐसा नही करने पर कारवाई की चैतावनी भी दी गई है। इसको लेकर सुसनेर जनपद पंचायत क्षेत्र में जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश कुमार शाक्य ने ग्राम पंचायतो को निर्देश देते हुए कलेक्टर के आदेश का प्रचार-प्रसार करने की बात कहते हुए जानकारी करने के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टर ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत आदेश जारी करते हुएं कहां है की आगर मालवा जिले की सीमा अंतर्गत स्थित समस्त सार्वजनिक एवं निजी नलकूप, बोरवेल जिनका उपयोग नहीं किया जा रहा है, या जिनमें मोटर नहीं लगी है, उन नलकूप / बोरवेल पर बोर केप लगाए जाने हेतु संबंधित मकान मालिक / कृषक / संस्था या समिति को आदेशित किया जाता है। इसी प्रकार समस्त निजी / सार्वजनिक अनुपयोगी खुले कुए, कुईया, बावडी, बिना मुंडेर वाले कुए आदि को लोहे की मजबूत जाली लगाकर बंद किया जावे, तथा जाली लगाने के बाद उसकी मुंडेर इतनी ऊँची बनाई जावे कि बच्चे या कोई व्यक्ति उसमें गिर नहीं सके। जिले में स्थित ऐसे समस्त परंपरागत प्राचीन कुए बावड़ीयों जो कि लोगों द्वारा कब्जा कर गार्डर पट्टी या सीमेन्ट कांक्रीट से कवर्ड (बंद) कर दिया गया है, या जो खाली पड़े हैं उन्हें लोहे, की मजबूज जाली लगाकर बंद करें तथा उसकी ऊँची मुंडेर बनाई जावे, इसी तरह जिले में स्थित सड़कों, ग्राम सड़क, खेतों पर जाने वाले रास्ते पर एवं अन्य जगहों पर स्थित सार्वजनिक एवं निजी बिना मुंडेर के कुए / कुईया आदि की मुंडेर ऊँची कराई जावे। कलेकटर ने उक्त आदेश का उल्लघंन करने वाले व्यक्ति अथवा व्यक्तियों / संस्थाओं के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की चैतावनी दी है।