सुसनेर। गोमुत्र में ही गंगा जी का वास है, गाय माता की जिस पर कॄपा हो जाती है सारे देवता उस पर अपने आप कृपा कर देते है। गाय माता के स्वरूप को यदि सारे ही जान जाएंगे तो वेकुण्ड में भी भीड बड़ जाय। क्यों कि जिस पर गोमाता की कृपा हो जाती है वह उसे तो वेसे ही वैकुण्ठ की प्राप्ती हो जाती है। उक्त विचार मंगलवार को मंगलवार को माघ मास की पूर्णिमा के अवसर पर एशिया के प्रथम कामधेनु गो अभ्यारण्य सालरिया में आयोजित गो कथा के दोरान पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के राष्ट्रीय संयोजक परम् पूज्य श्री गोपालानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्रृद्धालुओ को सम्बोधित करते हुएं व्यक्त किये।

उन्होने गोपूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत करने के उपरांत गो महिमा का बखान किया। उन्होने कहां की गोमाता ने अपने वास्तविक रूप को छिपा रखा है। गाय माता की कृपा से ही सभी देवता सृष्टि का संचालन करते है। जिसने गो मैया की शरण ले ली समझो उसके मनुष्य जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया। इस आयोजन में बड़ी सँख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्मलाभ अर्जन किया।

गोकथा के यजमान जीरापुर का गोवर्धनलाल व रामप्रसाद बेरिस्टर का परिवार बना। यहां पर श्रद्धालुओं ने गायो के सन्तुलित आहार के लिये गुड़ का तुलादान भी किया। आपको बता दे कि पिछले 1 साल से पथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के सन्त परम् पूज्य स्वामी श्री दत्तशरणानंद जी महाराज के सानिध्य में गो संरक्षण व गो संवर्धन के लिये 8 अप्रेल 2024 से 9 अप्रेल 2025 तक 1 वर्ष के लिए वेदलक्षणा गो श्रद्धा महा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

जिसके तहत मंगलवार को गो अभ्यारण्य में गोकथा का आयोजन किया गया। इसके निमित्त अभ्यारण्य परिसर में गोकथा, सेवा, सत्संग जैसे धार्मिक कार्य आयोजित किये जा रहे है।

