सुसनेर। समीपस्थ ग्राम मौरूखेडी स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में श्री कृष्णा गौ सेवा समिति के द्वारा शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसके दूसरे दिन आज बुधवार की दोपहर में कथा व्यास रमेश भार्गव ने कहां की भगवान शिव विश्वास का प्रतीक है, शिवम करोति कल्याण इति शंकर। अर्थात विश्व में सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में शिवलिंग प्रकट हुआ विष्णु और ब्रह्मा के विवाद पर भगवान शंकर जी ने ज्योतिर्लिंग की पूजा प्रारंभ की। ब्रह्माजी के पांचवे मुख ने मुख ने झुठ बोला तो सदाशिव ने भैरू रूप बनाकर उसका अंत किया।
अतः सदाशिव झूठ और अभिमान कै नाशक है इसलिए संसार में प्राणी को सत्य का सहारा लेना चाहिए। ईश्वर सत्य है, जगत मिथ्या है उन्होंने पांच मुखो से पांच वनस्पतियां व पांच मंत्रों को प्रकट किया जिससे शिवलिंग की पूजा अर्चना की। उन्होने आगे कहां की प्राणी मात्र के लिए पार्वती रूपी श्रद्धा की आवश्यकता है तथा जीवन में संस्कारवान बनने के लिए सनातन संस्कृति की आवश्यकता है। शिव निराकार स्वरूप है जो प्रत्येक ह्दय में रहता है। दूसरे दिन की कथा के विश्राम अवसर पर अर्धनारीश्वर के रूप में झांकी के सजाई गई। कथा के दोरान सुंदर भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। इस अवसर पर बडी संख्या में श्रृद्धालुजन उपस्थित रहे।