मनकामनेश्वर मंदिर आने जाने वाले श्रृद्धालुओ को भी होती है परेशानी
सुसनेर। क्षेत्र के एक दर्जन से भी अधिक बांधो का संचालन करने वाला सिंचाई विभाग कार्यालय अब लावारिस हो चला है यहां के वर्षो पुराने भवन डिस्मेटंल हो चुके है। बाउन्ड्रीवाल के अभाव में पुरी कॉलोनी में असामाजिक तत्वो का आना जाना हो रहा है। कई बार चोरीयों की वारदाते भी हो चुकी है, लेकिन उसके बाद भी यहां कोई जिम्मैदार ध्यान देने वाला तैयार नहीं है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ एस एन मेवाडा के सेवा निवृत्त होने के बाद से आगर के अधिकारी को यहां के एसडीओ का प्रभार सोप रखा है इसलिए वे कभी-कबार ही यहां के जर्जर भवन में संचालित हो रहे दफ्तर में दिखाई देते है।
दरअसल सिंचाई विभाग कॉलोनी में अब बहुत ही कम कर्मचारी कार्यरत है, यहां बने अधिकांश आवास भवन पुराने होकर क्षतिग्रस्त हो गए है। इसलिए पुरी कॉलोनी पर अब कुंडालिया बांध परियोजना के जिम्मैदारों ने कब्जा कर लिया उन्होने अधिकारीयों के निवास करने के लिए आवास तो बना दिये लेकिन उनमें अभी तक कोई भी निवास नहीं कर रहा है, वही सुरक्षा के लिए जो तारो की बनी हुई बाउन्ड्रीवाल थी वह टूट चुकी है इस वजह से मैना रोड से सिंचाई विभाग कॉलोनी में असामाजिक तत्वो का प्रवेश प्रतिदिन हो रहा है। असामाजिक तत्व इस कालोनी के मुख्य मार्ग के अलावा नवनिर्मित आवासो में भी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को अंजाम दे जाते है। लेकिन उसके बाद भी जिम्मैदार है की इस और ध्यान देने को तैयार नहीं है।
मंदिर के श्रृद्धालु भी होते है परेशान, शिवरात्रि पर बढेगी परेशानी
सिंचाई विभाग कॉलोनी में ही श्री मनकामनेश्वर महादेव मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर में सुबह से शाम तक सेकडो श्रृद्धालुओ का दर्शन व पूजा पाठ करने के लिए पहुंचते है। कई बार असामाजिक तत्वो के कारण कॉलोनीवासियो के साथ-साथ श्रृद्धालुओ को भी काफी परेशानियों का सामना करना पडता है। आने वाली 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व है पूरे शहर का मुख्य आयोजन शिवरात्रि के अवसर पर इसी मंदिर में होता है। इस दिन रेस्टहाऊस से लेकर मंदिर परिसर तक शिव-बारात निकाली जाती है और फिर शिव-पार्वती जी का ब्याह कराया जाता है। हजारो श्रृद्धालु इस पल के साक्षी बनते है। इसलिए जिम्मैदारो को समय रहते इस और ध्यान देकर कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहिए अन्यथा कभी भी कोई संगीन व गंभीर घटनाक्रम यहां पर हो सकता है जिसका जवाब सिंचाई विभाग के जिम्मैदारों को ही देना पडेगा।