सुसनेर। ग्राम पिपल्यानानकार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस पर भव्य शोभायात्रा के साथ समापन किया गया। पं.सच्चिदानंद जी शर्मा ने राजा परीक्षित के सशरीर परमात्मा के धाम के गमन की कथा वृतांत से सुनाई,और बताया कि उन्होंने कहा कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए कलयुग में भागवत कथा का सुमिरन बहुत जरूरी है।
“कलयुग केवल नाम आधारा
जपत- जपत नर उतरहि पारा।।”
अर्थात जो फल सतयुग में करोड़ो अश्मेघ यज्ञ करने पर मिलता था वो कलयुग में मात्र भगवान का नाम लेने मात्र से मिल जाता है।उन्होंने गृहस्थ को मोक्ष प्राप्ति हेतु एवं परमात्मा को प्राप्त करने के लिए भागवत का महत्व बताया और कहा कि प्रभु श्री रामलला अयोध्या में विराजमान हो गए है लेकिन भगवान राम के आदर्शों को समाज में और हमारे हृदयँ में स्थापित करना होगा तब ही राम राज्य की परिकल्पना पूर्ण होगी।