सुसनेर। गोमाता 14 भुवन की स्वामिनी है अर्थात सकल तीर्थ गोमाता के ही चरणों में ही है। भगवान राम ने रामराज्य की स्थापना के समय भरत को कहा कि गो सेवा से ही राष्ट्र निर्माण होगा और इस को ध्यान में रखते हुए भगवान राम ने गौसेवा का विभाग अपने पास रखा। जब- जब भी जिस भी क्षेत्र में गोवंश की संख्या कम हुई है उस क्षेत्र में भारतीय संस्कृति से दूरी बढ़ी है और वह हिस्सा देश से पृथक हुआ है, इसलिए राष्ट्र रक्षा का उक्तियुक्त तरीका गो सेवा ही है। उक्त विचार शनिवार को माघ मास की पूर्णिमा के अवसर पर कामधेनु गो अभ्यारण्य सालरिया में आयोजित गोकथा के दोरान गो ऋषि संत गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने श्रृद्धालुओं को सम्बोधित करते हुएं व्यक्त किये।
उन्होने आगे कहां की ब्लूचिस्तान जो भारत की हिस्सा था उसे पुनः भारत के साथ जोड़ने के वहां गौसेवा के प्रकल्प शुरू कर देना चाहिए उसके प्रभाव से स्वत : ही वह भारत से जुड़ जाएगा। ग्वाल संत ने भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री से आग्रह किया है कि आपने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तो कर दी अब गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए क्योंकि गो के बिना राम जी की पूजा अधूरी है। यहां पर गोपूजन के साथ गोकथा की शुरूआत की गई।
इस अवसर पर आगर, उज्जैन, धार, इन्दौर राजगढ़ मंदसौर, रतलाम विदिशा जिले एवं राजस्थान के झालावाड़ जिले के गोभक्तो ने भाग लिया। साथ ही मध्य प्रदेश गौसेवा समिति के प्रदेश संयोजक गो शरण दास, विदिशा से हेमराज दास महाराज , गोबर गोपाल दास महाराज ,ग्वाल दास महाराज एवं एकलव्य महाराज व आगर जिले के गो सेवा संयोजक शिवराज सिंह सहित संचालन मंडल के संतोष राजपुरोहित, आशुतोष मिश्रा, नारायण सिंह , रामलाल, गोलू, कैलाश सिंह, नारायण सिंह, प्रदीप जी बजाज, प्रदीप सोनी, मुकेश हरदेनिया, अभिषेक शर्मा, पूनम सिंह , लाल सिंह, कालूसिंह, नाथू सिंह व मातृशक्ति उपस्थित रही। पूर्णिमा के लाभार्थी सुसनेर नगर की माधव प्रभात शाखा के सभी स्वयंसेवक बने। कार्यकम का संचालन कामधेनु गो अभ्यारण्य सालरिया के प्रबंधक शिवराज शर्मा ने किया।
आपको बता दे की श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक गो ऋषि स्वामी दत्त शरणानंद महाराज के मार्गदर्शन में संचालित एशिया के प्रथम गो अभ्यारण्य कामधेनु गो अभ्यारण्य सालरिया का संचालन विगत 1 जनवरी 2023 से किया जा रहा है।