सुसनेर। जिन शिक्षको पर देश का भविष्य का बनाने की जिम्मैदारी है, वही शिक्षक शासन को गलत जानकारी देकर अपने आपको समाजसेवी दानदाता बताते हुएं आयकर विभाग की आंखो में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे है। शिक्षा विभाग में इन दिनो कर्मचारियों से वार्षिक आय का गणना पत्रक जमा करवाया जा रहा है। इस गणना पत्रक के आधार पर ही मार्च माह में शिक्षको को वेतन मिलेगा तथा पत्रक के आधार पर ही आयकर विभाग में टैक्स जमा कराने के लिए भरने वाला फार्म 16 शिक्षको से भरवाया जाएगा। इस वार्षिक आय गणना पत्रक में कर्मचारियों को स्वयं अपनी आय का लेखा-जोखा भरना है। साथ ही पूरे वर्ष भर में उनके द्वारा जो दान दिया गया है। उसकी जानकारी भी देना होती है। कई शिक्षको ने इस गणना पत्रक मे आय कर बचाने के लिए गलत जानकारी शिक्षा विभाग को दी है। इन शिक्षको के द्वारा एक निश्चित रकम दान करना भी इस गणना पत्रक में दर्शाया गया है। तथा दिये गए दान की रसीदे जो की सुसनेर, आगर और राजगढ जिलें के छापीहेडा शहर की विभिन्न संस्थाओ, एनजीओ अथवा मंदिरो की है। गलत रसीद प्राप्त करने के लिए शिक्षको द्वारा एक से लेकर 10 हजार तक की राशि ही दी गई है और रसीद उससे कई गुना राशि की हासिल की गई है। शासन के नियमो के अनुसार जो संस्था या एनजीओ शासकीय तौर पर रजिस्टर्ड है उसी को किए गए दान की राशि को धारा 80 के तहत के छूट मिलती है। जिन संस्थाओ की इन कर्मचारीयो के द्वारा रसीदे लगाई गई है। उनमें से अधिकांश शासन से पंजीकृत नहीं है। जिन संस्थाओ या ट्रस्ट का शासन के पास पंजीकरण नहीं है। उनको दान की रसीदे शासकीय तौर पर कैसे मान्य की जा सकती है। ये फार्म संकुल केंद्रो पर जमा किये गए है। जानकारी के अनुसार 25 फरवरी तक सभी को यह आय गणना पत्रक अपने-अपने संकुल केन्द्रो पर जमा करवाना है। शिक्षा विभाग के जिम्मैदार इस मामले की गंभीरतापूर्वक जांच करते है तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। यहां उल्लेखनीय है की वर्ष 2023 में भी इसी आय गणना पत्रक के नाम पर कर्मचारियों से राशि वसूले जाने का मामला सामने आया था और जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुएं थे।
कुछ के द्वारा इस तरह की रसीदे दिये जाने की जानकारी मुझे भी मिली है, जिसके बाद सभी संकुल केन्द्रो और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है की वें जिस संस्था के दान की रसीद दे रहे है उस संस्था के जिम्मैदार का पेनकार्ड व आधारकार्ड प्रस्तुत करे।
मुकेश तिवारी
विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सुसनेर।