जब तक गो है, तब तक पृथ्वी का कोई नही बिगाड़ सकता- गोपालानंद सरस्वती जी महाराज
मालवा खबर@ सुसनेर। श्री कामधेनू गो अभ्यारण्य सालरिया में विश्व के लोक प्रसिद्ध गोसेवा संस्थान श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक गो ऋषि परम श्रद्धेय स्वामी दत्तशरणानन्द महाराज के पावन सानिध्य में मंगलवार को चैत्र नवरात्र, गुड़ी पड़वा व हिन्दू नववर्ष के शुभारंभ अवसर पर श्री गो रक्षक हनुमान मंदिर से श्री श्री 1008 ब्रह्मऋषि श्री विष्णुदत्त जी महाराज, बापौली धाम, मांगरोल घाट वृंदावन एवं पूज्य जानकीदास जी महाराज, ढीमा आश्रम, गुजरात, मलुक पीठ आश्रम के महंत पूज्य गंगादास जी महाराज, नरसिंह भगवान मंदिर ललितपुर, उत्तरप्रदेश,पूज्य मोहन बाबा व स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज के आतिथ्य में भव्य शोभायात्रा निकालकर सहस्त्र चंडी महायज्ञ के साथ एक वर्षीय गो आराधना महोत्सव का शुभारंभ किया गया।
शोभायात्रा के बाद भगवान मीरा माधव एवं भगवती गो माता के पूजन के साथ 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के प्रणेता व श्री गोधाम पथमेड़ा के संयोजक स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज ने एक वर्षीय गो कथा का शुभारंभ किया।
गोकथा के पावन अवसर पर बापौली धाम मांगरोल से पधारें ब्रह्म ऋषि ब्रह्मचारी जी महाराज ने श्रोताओं को बताया कि मानव जीवन में हमें एक पुण्य कार्य अवश्य करना चाहिए ओर वह पुण्य कार्य है,
आक्सीजन का निर्माण ओर वेदलक्ष्णा गो माता के घी अक्सीजन का मूल आधार है इसलिए प्रत्येक सनातनी के घर में कम से कम 10 ग्राम गोमाताजी के घी से हवन प्रतिदिन होना चाहिए। गो कथा के प्रथम दिवस में गो कथा प्रोसस्ता स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि जब तक गो है, तब तक पृथ्वी का कोई नही बिगाड़ सकता, अर्थात घर घर में गो रहें तो वह गोमाता सभी समस्या का समाधान कर देती है।
एक वर्षीय गो आराधना महोत्सव के 365 ग्रामों द्वारा 365 दिन दिए जाने वाले गो भंडारे के क्रम में प्रथम दिन का गो भंडारा सुसनेर तहसील के ग्राम बोरखेड़ी के ग्राम वासियों की ओर से किया गया। डीजे के साथ विशाल शोभायात्रा निकालकर ग्राम के प्रत्येक घर से माता बहिनों, युवाओं एवं सभी समाजों के पंच पटलो सहित सैंकड़ों ग्रामीण गो अभ्यारण्य में विराजित गो रक्षक हनुमान जी महाराज के मंदिर से प्रारम्भ हुई शोभायात्रा में समिल्लित होकर कथा श्रवण की।
बबोली धाम मांगरोल से पधारे पूज्य ब्रह्मचारी जी महाराज एवं मलूक पीठ आश्रम के महन्त पूज्य गंगादास जी महाराज नृसिंह मंदिर ललितपुर का पूज्य संत योगेशदास जी महाराज एवं पूज्य मोहन बाबा ने गोमाता की छवि एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया ।
कथा के अंत में सभी श्रोताओं ने गोव्रती भंडारे में प्रसादी ग्रहण की।