मालवा खबर@ब्यूरो रिपोर्ट…राजस्थान की राजनीति में इस समय एक 26 साल के युवा नेता की खूब चर्चा हो रही है. यह युवा पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से वर्तमान में निर्दलीय विधायक है और बाड़मेर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है. इस नौजवान का नाम है रविंद्र सिंह भाटी, जिसे सुनने और देखने के लिए उसके रोड शो और सभाओं में हजारों की तादाद में लोग उमड़ रहे हैं।
बाड़मेर के छोटे से गांव दूधोड़ा के रहने वाले रविंद्र सिंह भाटी बेहद सामान्य परिवार से आते हैं. उनके पिता शिक्षक हैं. भाटी के परिवार का राजनीति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है. रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव के पास स्थित सरकारी स्कूल से ली. फिर बाड़मेर शहर के एक स्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की. वह उच्च शिक्षा के लिए जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी पहुंचे. यहीं पर उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में छात्र राजनीति में कदम रखा. भाटी ने ग्रेजुएशन के बाद वकालत की पढ़ाई पूरी की. एबीवीपी ने टिकट नहीं दिया, निर्दलीय जीता छात्रसंघ चुनाव साल 2019 में रविंद्र सिंह भाटी ने छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी से टिकट की दावेदारी पेश की. लेकिन, एबीवीपी ने भाटी को टिकट न देकर किसी और को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इससे नाराज भाटी ने निर्दलीय ताल ठोक दी और यूनिवर्सिटी के 57 साल के इतिहास में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले पहले छात्र नेता बने
इसके बाद भाटी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कोरोना काल के दौरान चाहे छात्रों की फीस माफी का मुद्दा हो या गहलोत सरकार के कार्यकाल में कॉलेज की जमीन का मुद्दा, भाटी ने छात्र आंदोलन का आगे बढ़कर नेतृत्व किया. छात्र हितों के लिए वह कई बार जेल.भी गए. यहां तक कि छात्रों की मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव किया. अपनी इसी जुझारू छवि के कारण रविंद्र सिंह भाटी छात्रों और युवा वर्ग के चहेते बन गए।
रविंद्र सिंह भाटी ने इन सभी चुनौतियों को पार किया और 4000 वोटों के अंतर से शिव विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार स्वरूप सिंह खारा की तो जमानत जब्त करवा दी. भाजपा इस बार राजस्थान में क्लीन स्वीप का टारगेट लेकर चल रही थी. लेकिन गत 4 अप्रैल को जब रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर सीट से अपना नामांकन दाखिल किया और उनकी रैली में जनसैलाब उमड़ा तो बीजेपी की टेंशन बढ़ गई।