ग्राम में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ,अभी तक 246 घरो में की जा चुकी है स्क्रीनिंग
मालवा खबर @ सुसनेर। डेंगू के संक्रमण की आंशका और ग्राम पिपलिया नानकार में एक महिला में डेगु के लक्षण की आशंका होने के बाद उज्जैन रैफर करने तथा गांव में 25 से अधिक बुखार के अन्य मरीजों के सामने आने के बाद क्षेत्र में एक बार फिर से दहशत का माहौल है। जानकारी लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले एक सप्ताह में 4 से 5 बार ग्राम का दौरा कर जांच कर चूकी है। ग्राम में अन्य बीमारियों के साथ बुखार के मरीज भी मिले है। स्वास्थ्य विभाग यहां डेगु की आंशका से इंकार कर रहा है, किंतु मरीजों में जो लक्षण सामने आए है, उससे यहां डेगु की आंशका प्रबल हो चली है।
स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में जनपद सीईओं को पत्र लिखकर साफ-सफाई करवाने का अनुरोध किया है जबकि यहां एक सप्ताह पूर्व ही बुखार के मरीज होने की बात सामने आ चूकी थी। क्षेत्र में वर्तमान में बड़ी संख्या में बुखार के मरीज अपना इलाज करवाने के लिए सिविल अस्पताल सुसनेर एवं प्रायवेट डॉक्टरों के यहां पहुंच रहे है। जिनकी बगैर किसी जांच के इलाज किया जा रहा है। बुखार के मरीजों को लेकर अभी भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नही आ रहा है। जानकारी के अनुसार कुछ दिनो पूर्व कुछ एक महिला जिनकी प्लेटनेस कम हुई थी इलाज के लिए पहले सिविल अस्पताल सुसनेर और बाद में उज्जैन लेकर जाया गया है। जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में हडकम्प मचा हुआ है।
246 घरों में की गई स्क्रेनिग
स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम पिपिलया नानकार पहुंचकर ग्रामवासियों की जांच कर रही है। टीम के द्वारा अभी तक 246 घरों में रहवासियों की खून, यूरीन, डेंगू, मलेरिया, इत्यादि की जांच की जा चुकी है। इनमें से कितने मरीजों की जांच के सेम्पल बाहर जांच के लिए भेजे है इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग नहीं दे रहा है। किंतु कई लोग यहां बुखार से पीडित मिले है। मामला बिगडता देख शुक्रवार को मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव बसरेना के द्वारा जनपद सीईओं राजेश कुमार शाक्य को पत्र लिखकर ग्राम की साफ- सफाई करवाने तथा मच्छरो से बचाव के लिए दवाईयों का छिडकाव करने की बात कही है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार गांव में कुछ दिन पूर्व एक महिला की हालत गंभीर हो गई थी,इसे पहले सुसनेर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में आगर के जिला अस्पताल में और फिर उसके बाद उसकी प्लेटनेस गिरने पर उसे उज्जैन रैफर कर दिया गया था। कुछ मरीज आगर जिला अस्पताल में भी भर्ती है। इनकी तबीयत बिगडने पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उन्है सिविल अस्पताल से आगर जिला अस्पताल रेफर किया गया था। हालाकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है की डेंगू की जांच करने की मशीन जिला अस्पताल में ही उपलब्ध है इसलिए उन्है आगर रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिनको आगर रेफर किया गया है उनकी रिपोर्ट निगेटीव आई है।
गांव में किया जा रहा दवाई का छिडकांव
गांव के सरपंच रामचन्द्र आर्य के अनुसार गांव की हरिजन बस्ती में कुछ लोगो की तबीयत खराब हुई थी। उसके बाद उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग और जनपद को इस सम्बंध में जानकारी दी गई। एक महिला की प्लेटनेस कम होने पर उसे उज्जैन रेफर किया गया था। उसके बाद से ही गांव में हर रोज स्वास्थ्य विभाग की टीम आकर रहवासियों की जांच कर रही है। गांव में टेमोफास दवाई का छिडकांव किया जा रहा है। साथ ही नालीयो व सड़को की सफाई भी करवाई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा प्रतिदिन पिपलिया नानकार गांव में पहुंचकर के रहवासियों की जांच की जा रही है। अभी तक 246 घरो में स्क्रीनिंग की जाकर के लोगो की विभिन्न प्रकार की जांच की जा चुकी है। मेने गांव में दवाईयो का छिडकांव करने के लिए व साफ-सफाई करवाने के लिए जनपद सीईओ को पत्र लिखा है।
डॉ. राजीव कुमार बरसेना, मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल सुसनेर।
स्वास्थ्य विभाग की और से आज पत्र प्राप्त हुआ है, पिपलिया नानकार में विभिन्न बीमारीयो से बचने के लिए दवाईयों का छिडकाव किया जाकर साफ-सफाई करवाई जा रही है। इस संबंध मेंआवश्यक दिशा निर्देश भी गांव के सचिव को दिये है।
राजेश कुमार शाक्य, सीईओ, जनपद पंचायत सुसनेर।