सुसनेर। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स संगठन ने भारत में बिना लाइसेंस व बगैर शर्त के ओवर-द-काउंटर दवाओं की बिक्री की अनुमति देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। इस सम्बंध में संगठन द्वारा जगह-जगह ज्ञापन भी सोपे जा रहे है। संगठन के जिलाध्यक्ष राजेश मेंठी व सचिव योगेश पांडे ने बताया कि देश के स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, भारत के औषधि महानियंत्रक, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के अध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारियों को सौंपे गए एक विस्तृत ज्ञापन में ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स संगठन ने इस प्रस्ताव से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों पर प्रकाश डाला है। संगठन के अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का कदम मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी विनियमों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों सहित प्रासंगिक कानूनी ढांचे का उल्लंघन करेगा। उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवा बिक्री की अनुमति देने से गंभीर खतरे पैदा होते हैं, जिनमें खतरनाक स्व-चिकित्सा और नशीली दवाओं का दुरुपयोग, फार्मासिस्ट परामर्श सेवाओं का अभाव, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं का बढ़ता जोखिम, नकली दवाओं का प्रसार ,स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में देरी, दवा की अधिक मात्रा के कारण बीमारियों की अधिक घटनाएं, दवा भंडारण के मानकों से समझौता, अपर्याप्त फार्माकोविजिलेंस उपाय शामिल हैं। देशभर में 12 लाख 40 हजार केमिस्टों की सदस्यता के साथ
एआईओसीडी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी उपाय का दृढ़ता से विरोध करता है। संगठन इस मामले से संबंधित विनियमों के निर्माण में एआईओसीडी सहित सभी प्रासंगिक हितधारकों से परामर्श करने के महत्व पर जोर देता है।