सुसनेर। जनपद पंचायत सुसनेर के निकट विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु आमजन में गो सेवा की भावना जागृत करने के लिए 09अप्रेल2024 से चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 22 वें दिवस पर गोकथा में पधारे श्रोताओं को संबोधित करते हुए ग्वाल सन्त स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने जो तीन लोक की माई, वह धेनु रूप धर धरा पर आई!! पद्य के माध्यम से बताया कि तीन लोक की स्वामिनी भगवती गोमाता मानव का उद्धार करने के लिए ही धरती पर अवतरित हुई है ।
स्वामीजी ने बताया कि भगवान ने गोमाता का ऐसा स्वरूप बनाया है अर्थात सड़कों पर गोमाता के भटकने का मतलब वह हम पर कृपा करने के लिए ही भटक रही है ,क्योंकि वह हमारे उद्धार के लिए ही ऐसी लीला कर रही है। इसलिए प्रत्येक सनातनी को अपने कल्याण के लिए एक एक गोमाता को अपने घर पर बांधकर उसकी सेवा करनी चाहिए ताकि उसकी सेवा कर हर सनातनी अपनी सात पीढ़ी का कल्याण कर सकें।
स्वामी जी ने आगे कहां कि जिसके घर गाय नहीं,वह सनातनी भाई कैसे यानि सच्चा सनातनी वही है जिसके घर गाय बन्दी हो । हो सकता है आपके घर के आंगन में जगह नहीं हो लेकिन आपके हृदय रूपी आंगन में जगह बनाकर आप गोमाता की सेवा अवश्य करें।
स्वामी जी ने आगे कहां कि अपने अंदर के हनुमान को जगाने की आवश्यकता है क्योंकि अपने अन्दर के हनुमान को जगाकर ही तो एक सामान्य घर में पैदा हुआ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम देश के राष्ट्रपति हो गए, पेट्रोल पंप पर तेल भरने वाला धीरू नाम का बालक धीरू भाई अंबानी के नाम से भारत के सबसे बड़े उद्योगपति बने और ट्रेन में चाय बेचने वाला, व आरएसएस कार्यालय पर सफाई जैसा सेवा कार्य करने वाला नरेन्द्र भाई आज भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री बनकर भारत का संपूर्ण विश्व में गौरव बढ़ा रहें है ,ये सब अपने अंदर के हनुमान को जगाने का ही परिणाम है इसलिए भारत के प्रत्येक सनातनी को भी अपने अंदर के हनुमान को जगाना होगा ताकि मेरे भारत की 09करोड़ गोमाता दर दर नहीं भटके।
स्वामी जी ने गोमाता के उपकार के बारे में बताते हुए बताया कि धरती को धारण करने वाली, अपने शरीर में 33कोटि देवताओं को धारण करने वाली व मानव के कल्याण के लिए अमृतमय पंचगव्य प्रदान करने वाली ममतारूपी भगवती गोमाता जो मानव पर ही नहीं बल्कि त्रिलोक पर कल्याण करती है ,उसकी हम सभी मातृत्त्तभाव से सेवा करें।
22 वें दिवस पर चूनड़ी यात्रा देवास जिले के जामगोद ग्राम की ओर से :-
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 22 वें दिवस पर देवास जिले की सोनकच्छ तहसील के ग्राम जामगोद से श्रीमती आभा तिवारी , एवं डॉ .जगदीश प्रसाद तिवारी ने अपने परिवार के साथ कथा मंच पर पहुंचकर भगवती गोमाताजी को चुनरी ओढ़ाकर गोमाता का पूजन एवं आरती एवं गो पुष्टी यज्ञ किया और पूज्य स्वामी गोपालानंद जी महाराज ने गोमाता की छवि देकर उनको आशीर्वाद दिया और अंत में सभी ने यज्ञशाला की परिक्रमा कर गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।