रेसिनआर्ट से बनाई जा रही स्वदेशी राखियां बनी आकर्षण का केन्द्र, मार्केट में हो रही डिमांड
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन पर का पर्व इस बार 6 शुभ संयोग के साथ मनाया जाएगा। इस बार 19 अगस्त को इस पर्व की खुशियां दो गुनी हो जाएगी। जिसके कारण राखी का त्योहार अत्यंत शुभ फलदायी होगा। राखी के दिन राज पंचक, सावन सोमवार, सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान है, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और शोभन योग बन रहे है। एक और खास बात यह है की इस बार स्वदेशी राखियां भाईयो की कलाई पर सजेगी। इससे जहां मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी वही महिलाएं व युवतीया आत्मनिर्भर बनेगी।
इसको लेकर नगर के घरों में स्वदेशी राखियां बनाई जा रही है। जिसमें भाई और बहन की फोटो भी लगी हुई है। ये राखियां पूरे नगर में आकर्षण का केन्द्र बिंदु बनी हुई है। नगर के वार्ड क्रमांक 10 के हरिनगर कॉलोनी में रहने वाली शुभांजली दिनेश राठौर के द्वारा इस तरह की स्वदेशी राखियां रेसिनआर्ट से बनाई जा रही है। जो फोटो के साथ बनाई जा रही है। इसमें अक्षत व कुमकुम के साथ भाई-बहन की फोटो भी लगाई जा रही है। इसको बांधने के लिए सूत के धागे का उपयोग किया जा रहा है जो भाई बहन के पवित्र बंधन को और मजबूत करता है। शुभांजली राठौर बताती है की उनके द्वारा बनाई जा रही स्वदेशी राखियां पूरे नगर में आकर्षण का केन्द्र बिंदु बनी हुई है। इसके चलते बडी मात्रा में नगर के बाजार में इसकी डिमांड अभी से ही होने लगी है। शुभांजली के अनुसार इस तरह के कुछ राखियां उनके द्वारा सरहद पर भारत मां की सेवा में लगे सेनिको के लिए भी भेजी जाएगी। शुभांजली ने सबसे पहली स्वेदशी राखी खाटू श्याम के फोटो वाली बनाई है जो रक्षाबंधन पर उन्है बांधी जाएगी।
डाक से भी भाईयो को भेजी जा रही है राखियां
रक्षाबंधन पर जो भाई अपनी बहन के घर राखी बंधवाने नही जा सकता है या फिर बहन भाई के पास नहीं जा पाती है। ऐसी स्थिति में शहर की बहनो ने डाक विभाग के जरीए राखियां भेजना शुरू कर दी है। डाक विभाग के उप डाकपाल गिरिराज पाटीदार के अनुसार अभी तक 50 के लगभग बहनो के द्वारा अपने भाईयो को डाक के जरीए राखियां भेजी है। इसमें से कुछ बहनो ने अपने सेनिक भाईयो के लिए भी राखी कोरियर की है।