कभी मसानिया हनुमान के नाम से थी मंदिर की पहचान, आज है हनुमान छत्री चोक मंदिर, हनुमान जी का नाम है वीर हनुमान
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। सुवानगर के समय से बसे हमारे सुसनेर शहर में कई प्राचीन मंदिर आज भी स्थित है, जो न सिर्फ हमारी पहचान है बल्कि आज पूरे शहर की शान भी बने हुएं है। इन्ही में से एक है हनुमान छत्री चोक मंदिर। यहां हनुमानजी के साथ ही भगवान शंकर भी विराजमान है। मंदिर के पुजारी पंडित गोविन्द शर्मा बताते है की साल के 12 ही महिने यानी के 365 ही दिन एक साथ ही दोनो भगवान की पूजा होती है। प्राचीन समय में इस मंदिर का नाम मसानिया हनुमान हुआ करता था। समय बीतता गया और इसी के साथ ही बदलते दोर के साथ इसका नाम हनुमान छत्री चोक मंदिर हो गया। यहां विराजित हनुमानजी की प्रतिमा खडे रूप में है जिन्है श्रृद्धालु वीर हनुमानजी के नाम से पुकारते है। पुराने लोग आज भी बताते है की यहां पर मशान यानी के श्मशान हुआ करता था। इसलिए प्राचीन समय से लोग इस मंदिर को मशानिया हनुमान पुकारते थे। किन्तु अब आधुनिक नाम होने बदलने के साथ-साथ श्रृद्धालुओं की आस्था भी इस मंदिर के प्रति बढती जा रही है। और बीते कुछ वर्षो पूर्व ही इसका जीर्णोद्धार करवाया गया। आज भी इस मंदिर की खासियत यह है की यह मंदिर बिना ईट और सरिये के बना हुआ है। जो की बहुत ही सुंदर दिखाई दे रहा है। सावन माह के चलते आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बना हुआ है। मंदिर में हनुमानजी के साथ शिवलिंग भी मोजुद है। मंदिर में विराजित हनुमानजी की प्रतिमा जितनी बाहर है। उतनी ही जमीन के अंदर भी मौजूद है। यहा आने वाले श्रृद्धालु हनुमानजी के साथ- साथ भगवान शिवजी की भी पूजा करते है।
दो शिखर का है मंदिर
श्रृद्धालुओं के अनुसार इस मंदिर का जीर्णोद्धार करीब 6 लाख की लागत से किया गया है। मंदिर पर डबल शिखर का निर्माण किया गया है जो की छोटे रूप में होने के बाद भी सुंदर दिखाई दे रहे है। इस मंदिर से शहर को वर्षो पहले मिली पहचान आज भी कायम है।
नगर की स्थापना से पहले का है मंदिर
मंदिर के आसपास रहने वाले बूजूर्गो के अनुसार यह मंदिर नगर की स्थापना से पहले का है इस क्षेत्र में पहले कभी श्मशान हुआ करता था। पहले जब सुसनेर का नाम सुवानगर हुआ करता था। तब इस मंदिर को लोग मशानीया हनुमान मंदिर के नाम से जानते थे। समय के यह जगह रहवासी क्षेत्र बनी। तो मंदिर का नाम भी बदलकर वीर हनुमान मंदिर हो गया।