प्रशासन के द्वारा गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने चलाई जा रही मुहिम का नहीें दिखा असर
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। जिला प्रशासन के द्वारा पूरे जिले में गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है, कुछ दिनो पूर्व निपानिया बैजनाथ में 175 बीघा शासकीय गोचर भुमि को प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त करवाया था। इसी कड़ी में शुक्रवार को भी स्थानीय प्रशासन आगर रोड पर गोचर भूमि के अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए पूरे दमखम के साथ पहुंचा तो सही लेकिन फिर न जाने ऐसा क्या हुआ की खाली हाथ ही लोटना पडा।
उधर अतिक्रमण हटाने के लिए कुछ गांवो के ग्रामीण तहसील कार्यालय पहुंंचे तो प्रशासन ने आश्वासन दिया की अतिक्रमणकारीयो का नुकसान न हो इसके लिए स्वेच्छा से कीमती सामान हटाने व अतिक्रमण हटाने के लिए एक दिन का समय दिया गया है। शनिवार की सुबह सख्ती के साथ अतिक्रमण हटा दिया जाएगा। दरअसल प्रशासन को हर दिन शासकीय गोचर भूमि पर अतिक्रमण की शिकायते मिल रही थी। इस पर शुक्रवार को प्रशासन एक्शन मोड में आया जरूर लेकिन कुछ ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया। दोपहर में सुसनेर तहसीलदार विजय सेनानी, नायब तहसीलदार रामेश्वर दांगी वरीष्ठ अधिकारीयों के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक व बड़ी संख्या में पटवारीयो के साथ ही पुलिस बल व जेसीबी मशीनो को लेकर आगर रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे लगी गुमटियों व ढाबे का अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचे।
यहा स्वेच्छा से अतिक्रमणकारी अपना अतिक्रमण हटाने लगे तो प्रशासन ने भी उन्है 1 दिन की छूठ दे दी और खाली हाथ लोट गया। हालाकी प्रशासन के द्वारा एक दिन पूर्व ही अतिक्रमण हटाने को लेकर नोटीस दिया गया था। इस सम्बंध में तहसीलदार विजय सेनानी के अनुसार अतिक्रमणकारियो को स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने हेतु 1 दिन का समय दिया गया है। शनिवार की सुबह से अतिक्रमण सख्ती के साथ हटाया जाएगा।
आखिर किसका आया था फोन
जब प्रशासन आगर रोड पर अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचा तो कुछ देर तक प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर ही खडे रहे। जेसीबी मशीन से ढाबे के बाहर नहाने के लिए बनाई गई पानी की ठेल को भी तोडा गया। कुछ गुमटी संचालको ने स्वेच्छा से गुमटीयों के अंदर रखा सामान भी हटा लिया। इस दोरान जब ढाबे के पक्के निर्माण को तोडन का समय आया तब तहसीलदार विजय सेनानी और नायब तहसीलदार रामेश्वर दांगी कुछ समय के लिए अपना वाहन लेकर मोके से गायब हो गए। करीब आधी घंटे बाद लोटे तो अतिक्रमणकारीयो को एक दिन का समय दे दिया। इस बीच मोके पर मौज्ूद भीड में चर्चा शुरू हो गई की किसी नेता या अधिकारी का फोन आ गया है। इसलिए कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। प्रशासन क्यों कार्रवाई नहीं कर पाया यह समझ से परे है और इस कार्रवाई को रोकने के लिए किस सत्ताधारी बडे नेता या विपक्ष के नेता का फोन प्रशासन के पास आया या किस अधिकारी का आया। इसको लेकर भी नगर में चर्चाओ का बाजार गर्म है।
भूमाफिया और प्रतिष्ठित लोगो पर क्यों कार्रवाई नहीं कर रहा प्रशासन
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन कार्रवाई सिफ कुछ लोगो पर ही कर रहा है। इसमें भेदभाव का आरोप भी अतिक्रमणकारीयो ने लगाया है। दरअसल इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अधिकांश शासकीय भूमि ऐसी है जिस पर भूमाफिया और प्रतिष्ठित व्यापारीयों तथा नागरिको और नेताओ का कब्जा है, इसलिए प्रशासन दबाव के चलते इन लोगो पर कार्रवाई नहीं कर पाता है। यही कारण है की शहर में डग रोड को छोडकर कही पर शासकीय भूमि नहीं बची है। जहां पर कोई शासकीय कार्यालय बनाया जा सके। इसमें खास बात यह है की अधिकांश शासकीय भूमि पर कब्जा प्रशासन के नुमाईंदो की सांठगाठ से ही किया गया है। यदि प्रशासन बारिकी से जांच करे तो बडे-बडे नेता, भूमाफिया, प्रतिष्ठित नागरिक, व्यापारी के नाम भी सामने आ सकते है।
आगर रोड पर गोचर भूमि का अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन गया था। अतिक्रमणकारीयों के द्वारा स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने की बात कही गई है। कुछ ने हटा भी लिया है, कुछ अतिक्रमणकारीयों को 1 दिन का समय दिया गया है। शनिवार की सुबह से सख्ती से अतिक्रमण हटाया जाएगा।
विजय सेनानी
तहसीलदार, सुसनेर।