शाही सवारी…परम्परा का 61 वां वर्ष
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। एक दौर था जब हमारे शहर में हाठ ठेले पर नगराधिपति नगर भ्रमण पर निकलते थे। उस समय दर्जनभर लोग ही इस सवारी का हिस्सा हुआ करते थे। शिवभक्त मंडल के कुछ सदस्यो ने मिलकर महाकाल की तर्ज पर शहर में सवारी निकालने की शुरूआत आज से 60 वर्ष पूर्व की थी। समय बीतता चला गया और आज आधुनिक दौर में हमारे नगराधिपति शाही अंदाज में लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकलते है। इतने सालो में बहुत कुछ बदला, यदि नही बदला तो वह है महादेव का मुखोटा। जीं हा, महादेव के स्वरूप का वही 60 वर्ष प्राचीन मुखोटा जिसकी नगरवासी शाही सवारी के पूजा अर्चना करते है। शिव भक्त मंडल के सदस्यों के अनुसार पूरे नगर की आस्था इसी दिव्य और आकर्षित मुखोटे में समाई हुई है।
इसलिए आयोजको ने मुखोटे में कोई बदलाव नहीं किया। अब तो स्थिति यह है की भादौ मास के प्रथम सोमवार पर जब नीलकंठेश्वर महादेव की शाही सवारी निकाली जाती है तो पूरा नगर दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है। बाबा की एक झलक पाने के लिए सड़को पर श्रृद्धालुओ का सैलाब उमडता है।
शाही सवारी की इस परम्परा का इस वर्ष 61 वां वर्ष है। अब यह सवारी आधुनिक चंकाचौंध के साथ निकाली जाने लगी है। समय-समय पर सवारी के स्वरूप को और दिव्य एवं आकर्षित बनाने के लिए झांकिया, ढोल नगाढे, बैंड-बाजे, अखाडा, नृत्य कलाकार, लाजमा व कई आधुनिक संसाधनो का उपयोग किया जाना लगा है। लेकिन श्रृद्धा और विश्वास का आस्थारूपी मुखोटा महादेव का आज भी वही प्राचीन है।
26 को शाही सवारी- परम्परा का 61 वां वर्ष
शाही सवारी निकालने की परम्परा का इस वर्ष 61 वां वर्ष है और इसी थीम पर सवारी का प्रचार जोरो से किया जा रहा है। 26 अगस्त सोमवार को सुबह साढ़े 5 बजे नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में महारुद्राभिषेक किया जाएगा। उसके बाद श्रृंगार आरती, साढ़े 11 बजे महादेव के मुखोटे की पूजन अर्चन कर पालकी में विराजित किया जएगा।
साढ़े 12 बजे चौसठ माता मन्दिर में महाआरती कर शाही सवारी शुरू होगी। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए रात 8 बजे वापस मेला ग्राउंड स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पहुँचेगी। जहाँ महाआरती कर महाप्रसादी वितरित की जाएगी। इस दौरान नगरवासियों द्वारा जगह-जगह महादेव का पूजन अर्चन कर पुष्प वर्षा व स्वल्पाहार से सवारी का स्वागत भी किया जाएगा। आयोजन को लेकर पूरे नगर को बेनर पोस्टर व तोरण द्वार से दुल्हन की तरह सजाया जाएगा।
चंपा के मंदिर में होगा हरि-हर मिलन
महादेव की शाही सवारी के दौरान प्रतिवर्षानुसार संध्या के समय नगर के शुक्रवारिया बाजार स्थित श्री गणपति लक्ष्मी नारायण चंपा के मंदिर में हरि-हर मिलन होगा। पंडित गौरवराज शर्मा ने बताया कि हरि-हर मिलन के दौरान शाही सवारी की पालकी में विराजित हर स्वरूप महादेव व चंपा के मंदिर में विराजित हरि स्वरूप भगवान नारायण का मिलन करवाकर महाआरती कर प्रसादी का वितरण होगा।