सुसनेर। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश, भोपाल के आदेशानुसार स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय सुसनेर के प्राचार्य डॉ. जी.सी. गुप्ता के निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने अपनी विरासत संबंधित सांस्कृतिक चेतना विकसित करने, भारतीय ज्ञान परंपरा एवं पुरातन वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देने,बौद्धिक संपदा का लोकव्यापीकरण एवं साइंस टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु दिनांक 22 को उज्जैन शहर के तारामंडल, सर्प उद्यान, जंतर मंतर वेधशाला, त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक आदि का शैक्षणिक भ्रमण महाविद्यालय के 48 विद्यार्थियों ने किया।
सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने तारामंडल विज्ञान केंद्र का भ्रमण किया, जिसमें विद्यार्थियों ने 3 डी आधारित डॉक्यूमेंट्री में अंतरिक्ष के साथ-साथ विभिन्न ग्रहों संबंधित ज्ञान का विस्तार किया। इसके बाद विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश के उज्जैन संभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ एच एल अनिजवाल व प्राध्यापक डॉ विशाल टाकले के साथ सर्प उद्यान का भ्रमण किया।
सर्प उद्यान में गाइड द्वारा विद्यार्थियों को विभिन्न प्रजातियों के सांपों के बारे में उपस्थित मॉडल के साथ विस्तार पूर्वक जानकारी दी व सांपों के काटने पर क्या करना चाहिए या फिर क्या नहीं करना चाहिए, इसके बारे में भी बताया। उपस्थित अतिरिक्त संचालक महोदय ने भ्रमण से संबंधित फीडबैक महाविद्यालय के विद्यार्थियों व स्टाफ सदस्यों से लिया।
सर्पोद्यान के पश्चात विद्यार्थियों व भ्रमण दल के सदस्यों ने लगभग 300 वर्ष प्राचीन व राजा जयसिंह द्वारा निर्मित जीवाजी वेधशाला(जंतर मंतर) का निरीक्षण किया। जिसमें वहां उपस्थित कर्मचारियों ने वेधशाला के शंकु यंत्र , भित्ति यंत्र, दिंगाश यंत्र , नाड़ीवलय यंत्र के साथ-साथ नक्षत्र वाटिका का अवलोकन करवाया व यंत्र द्वारा सूर्य की स्थिति का पता लगाना, समय की गणना करना, सूर्य के नतांश का पता लगाना व विभिन्न प्रकार के नक्षत्र संबंधित जानकारी प्रदान की। जंतर मंतर पर ही विद्यार्थियों ने विश्व की प्रथम वैदिक घड़ी (विक्रमादित्य वैदिक घड़ी) के बारे में भी जाना।
भोजन अवकाश के बाद दल ने त्रिवेणी संग्रहालय का भ्रमण किया। जिसमें विद्यार्थियों ने वैष्णव व शैव संप्रदाय की विभिन्न प्राचीन शताब्दियों की मूर्तियों के साथ प्राचीन भारतीय मुद्राएं, विभिन्न प्रकार के यंत्र, नाथद्वारा हवेली, विभिन्न प्रकार की धातुओं से निर्मित दीपक, कृष्ण सुदामा की मूर्ति आदि का गहनता से अवलोकन किया व उपस्थित गाइड ने पुरातत्व भारतीय ज्ञान संबंधित जानकारी प्रदान की। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने महाकाल महालोक का भ्रमण किया व भारत माता मंदिर के दर्शन भी किये।
भ्रमण दल प्रभारी सहायक प्राध्यापक आदिश कुमार जैन के साथ श्रीमती आरती नागर सुश्री आकांक्षा श्रीवास्तव, श्री काशीराम प्रजापति, डॉ. कमल जटिया एवं श्री राजकमल नर्गेश ने विद्यार्थियों को संबंधित क्षेत्र की विस्तृत जानकारी प्रदान की। भ्रमण पश्चात विद्यार्थियों से फीडबैक (भ्रमण प्रतिपुष्टि पत्र) प्राप्त किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया इस तरह के भ्रमण से हमें प्रेरणा प्राप्त होती है तथा भारतीय संस्कृति व पुरातत्व शैली, वैदिक ज्ञान के साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा के बारे में विस्तृत जानकारी भी मिलती है। सफल शैक्षणिक भ्रमण हेतु समस्त विद्यार्थियों ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन, अतिरिक्त संचालक उज्जैन संभाग, महाविद्यालय प्राचार्य, भ्रमण दल प्रभारी एवं सदस्य प्राध्यापको का आभार व्यक्त किया।