शाही सवारी… महादेव की एक झलक पाने आतुर दिखे श्रृद्धालु, शाही सवारी में उमडा आस्था का जनसैलाब
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। हवा में गुंजती हर-हर महादेव, शिव शंभु, ओम नम: शिवाय की स्वर लहरीया, कहार के रूप में पालकी उठाए भक्त, तोप व श्रृद्धालुओ की और से आसमान में होती फूलो की बरसात सड़क पर नाचती भूतो की बारात, दुल्हन सा सजा नगर, श्रृद्धा और आस्था से डीजे की धून पर नाचती झुमती हजारो भक्तो की भीड और उसमें फूलो से सजी पालकी में राजसी ठाट से सवार पूरे लाव लश्कर के साथ नगराधिपति बाबा नीलकंठेश्वर एवं ओंकारेश्वर महादेव पुरे नगर का हाल जानने के लिए भ्रमण पर निकले तो नगरवासीयो ने भी पलक पावडे बिछाकर उनका स्वागत किया।
यहां अवसर था शिवभक्त मंडल के तत्चावधन में निकाली गई 61 वीं शाही सवारी का। जिसमें पालकी में विराजमान बाबा नीलकंठेश्वर और औंकारेश्वर महादेव की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर दिखाई दिए। भक्तो ने अपने-अपने द्वार पर बाबा की पालकी के दर्शन व आरती उताकर स्वागत पुजन किया।
अलसुबह महादेव का किया रूद्राभिषेक
अलसुबह कंठाल नदी के तट पर देवी अहिल्याबाई द्वारा स्थापति नीलकंठेश्वर महोदव और ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में बाबा के मुखोटे के साथ महारूद्राभिषेक कर श्रृंगार आरती की गई। उसके पश्चात बाबा को पालकी में विराजमान कर शाही सवारी की शुरूआत की गई।
यहा से बाबा भूतो की बारात ओर आकर्षक झांकीयो के साथ फुलो से सुसज्जीत पालिकी में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए निकले। रात्रि 8 बजे शाही सवारी नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुएं नीलकंठेश्वर मंदिर पहुंची जहा महाआरती के साथ समापन किया गया। सवारी का विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनो के द्वारा स्वल्पाहर ओर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। कल्याण जिनिंग फेक्टी में हजारो श्रृद्धालुओ ने भोजन प्रसादी भी ग्रहण की।
ये रहे आकर्षण का केन्द्र
शाही सवारी में सबसे आगे आर्यवीर दल का आखडा चल रहा था जिसके कलाकार हैरतंगैज करतब दिखाकर लोगो का मनोरजंन करते हुऐ चल रहे थे। उसके पीछे डीजे की धुन पर नाचती गाती युवाओ की टोली उसके बाद ताशा पार्टी, भुतो की बारात, बेण्ड, ढोल, हनुमान जी, दशानन, राधा कृष्ण व महादेव के रूप में युवक तथा आदिवासी नृत्य करते हुएं कलाकार आकर्षक का केन्द्र रहे।