बेशकीमती है हाइवें किनारे स्थित पुलिस थाने की जमीन, भुमाफिया व राजस्व विभाग हुआ अर्लट
राकेश बिकुन्दीया, सुसनेर। उज्जैन-झालावाड राष्ट्रीय राजमार्ग पर सडक किनारे पुलिस थाने को 16 बीघा शासकीय भूमि बेशकीमती है। भु माफियाओ ने राजस्व विभाग के अधिकारी और तत्कालीन पटवारी की मिलीभगत से इस जमीन के सर्वे नम्बरो में बटांकन करके इसे बेच दिया। अब यह मामला एक बार फिर से मीडिया की सुर्खियां बना तो पुलिस व राजस्व विभाग अर्लट हो गया। लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है की क्या प्रशासन अपने ही उन कर्मचारीयो पर कार्रवाई करेगा जो इस कारनामें में लिप्त है। जिन्होने अपने निजी स्वार्थ के खातिर पुलिस विभाग को करोडो रूपयो का चुना लगा दिया। आपको बता दे हाइवें पर अभी 3 से 5 हजार स्केयर फीट की दर से प्लाट आंवटित किये जा रहे है। इस हिसाब से आप समझ सकते है की पुलिस विभाग की यह 16 बीघा जमीन बेशकीमती होकर करोडो की है। भू माफिया इसमें से 8 बीघा से भी अधिक जमीन को राजसव विभाग की मिलीभगत से बेच चुके है। तो वही शेष बची हुई भूमि व बिक चुकी भूमि को वापस हासिल करने के लिए पुलिस विभाग संघर्ष कर रहा है।
मामले मे शामील पटवारी पर पहले भी दर्ज हो चूका है प्रकरण
पुलिस विभाग को आंवटित जमीन बेचे जाने के मामले में जिस पटवारी पर शक की सुई घुम रही है वह पहले भी फर्जी तरीके से एक बुर्जुग की जमीन बेचने के मामले में शामील है और उस पर आगर थाने में प्रकरण भी दर्ज हो चूका था। उसी पटवारी ने सत्ता से अपनी नजदियों का फायदा उठाकर पुलिस विभाग को आंवटित जमीन बेचने का काम किया है। उक्त पटवारी क्षैत्र का बेहद चर्चित व्यक्ति है और वर्तमान में सुसनेर विधानसभा की दूसरी तहसील में पदस्थ है।
पहले राजस्व निरीक्षक को हटाया कर बदले गए थे थाना प्रभारी
कुछ सालो पूर्व इस मामले का खुलासा होने के बाद जॉच रिपोर्ट देने वाली महिला राजस्व निरीक्षक को सुसनेर से हटाया गया था और थाना प्रभारी का प्रभार बदलने के साथ ही कुछ समय तक थाना प्रभारीयो को भी बदला गया। अभी तक आधा दर्जन टीआई पुलिस थाने में चेंज हो चुके है। पुलिस विभाग की इस कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे है कि क्या इस बदलाव के पीछे पुलिस विभाग की जमीन खरीदने वालो का हाथ है। या फिर कोई और कारण है।
इनका कहना-
पुलिस थाने की जमीन को भूमाफियाओ के द्वारा बेचे जाने के मामले में राजस्व प्रशासन के द्वारा हाई कोर्ट में अपील दायर की गई है। मामले में सुसनेर एसडीएम जांच कर रहे है।
विजय सेनानी, तहसीलदार सुसनेर।
