महिला आरक्षण के बाद भी भाजपा-कांग्रेस ने आज तक नारी शक्ति को नहीं दिया मोका
राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। मध्यप्रदेश की सुसनेर विधानसभा में आजादी के बाद से अब तक 15 बार के विधानसभा चुनाव हुएं। हर बार विधानसभा क्षेत्र की जनता ने विधायक चुनकर भेजे हैं। मगर यहां से अब तक एक भी महिला विधायक नहीं बनीं। विधायक निर्वाचित होना तो दूर प्रमुख राजनेतिक दल भाजपा-कांग्रेस ने एक बार भी महिला उम्मीदवार को मोका ही नहीं दिया। संसद में इस बार महिला आरक्षण के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हो गया है। जबकि आगर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में महिला विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं। मगर सुसनेर विधानसभा में अब तक एक भी बार महिला विधायक निर्वाचित नहीं हुई है। शुरू से ही यहां कांग्रेस, जनसंघ व भाजपा के बीच ही मुकाबला रहा है मगर इन बड़ी पार्टियों ने कभी महिलाओं को अवसर नहीं दिया। वेसे तो सुसनेर अंग्रेजो के जमाने से वर्ष 1930 से तहसील कार्यालय संचालित है, लेकिन 1952 में यह विधानसभा के नाते अस्तित्व में आया पहली बार यहां से कांग्रेस से राणा मानसिंह सुसनेर के विधायक बने। 1957 में जनसंघ के हरिभाऊ जोशी विधायक चुने गए। उसके बाद 1962 में भी हरिभाऊ जोशी विधायक चुनकर आए। 1967 में शिवलाल वेदिया जनसंघ से सुसनेर के विधायक बने। फिर उसके बाद 1972 में एक बार फिर से जनसंघ के हरिभाऊ जोशी विधायक बने और वर्ष 1977 में भी हरिभाऊ जोशी पुन: विधायक बने। सन 1980 में सुसनेर विधानसभा की जनता ने राणा नटवरसिंह पर विश्वास जताते हुएं उन्है विधायक बनाया। वर्ष 1985 में एक बार फिर से हरिभाऊ जोशी विधायक निर्वाचित हुएं। सन 1990 में जन संघ से भाजपा बनने के बाद सुसनेर के ही बद्रीलाल सोनी विधायक बने यह ढाई साल तक विधायक रहे। उसके बाद वर्ष 1993 में वल्ल्भभाई अम्बावतिया विधायक बने। वर्ष 1998 में भी वल्ल्भ अम्बावतिया विधायक बने रहे। ये लगातार 10 सालो तक सुसनेर के विधायक रहे। 2003 में फूलचंद वेदिया भाजपा से विधायक बने। वर्ष 2008 में संतोष जोशी भाजपा से विधायक बने। उसके पश्चात 2013 में भाजपा से मुरलीधर पाटीदार और 2018 में राणा विक्रमसिंह निर्दलीय विधायक बने।
66 सालो में पुरूष ही बने विधायक
1957 में हुए आम चुनाव से सुसनेर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व शुरू हुआ। तबसे 66 साल हो चुके हैं। लगातार इस सीट से कांग्रेस, भाजपा के प्रत्याशी विधायक चुने जाते रहे हैं। इनमें सभी विधायक पुरुष ही बने हैं।
महिला को नहीं प्रतिनिधित्व
सुसनेर सीट से किसी सियासी दल ने महिलाओं को टिकट देने की पहल नहीं की है। पहली विधानसभा से अब तक केवल पुरुष ही विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। यहां से महिलाओं को सदन में भागीदारी का इंतजार है।
इस बार भी पुरूषो के बीच होगा मुकाबला
66 सालो के बाद अब वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा-कांग्रेस से पुरूष वर्ग के बीच ही मुकाबला होगा। यहां कांग्रेस से अपने उम्मीदवार के तौर पर भैरोसिंह परिहार को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित करते हुएं भरोसा जताया है तो वही भाजपा भी पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार या वर्तमान विधायक राणा विक्रमसिंह को अपना उम्मीदवार बना सकती है। कुल मिलाकर इस बार के चुनाव में भी दोनो प्रमुख राजनेतिक दलो के द्वारा नारी शक्ति को दरकिनार किया गया है।
कब कौन रहा विधायक-
मध्य भारत में
(1)1952 में राणा मानसिंह विधायक कांग्रेस (मनोनीत)
1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश स्थापना
(2)1957 में हरिभाऊ जोशी विधायक जनसंघ
(3)1962 में हरिभाऊ जोशी विधायक जनसंघ
(4)1967 में शिवलाल वेदिया विधायक जनसंघ
(5)1972 में हरिभाऊ जोशी विधायक जनसंघ
(6)1977 में हरिभाऊ जोशी विधायक जनता पार्टी
(7)1980 में राणा नटवर सिंह विधायक कांग्रेस
(8)1985 में हरिभाऊ जोशी विधायक भाजपा
(9)1990 में बद्रीलाल सोनी विधायक भाजपा
(10)1993 में वल्लभभाई अंबावतिया विधायक कांग्रेस
(11)1998 में वल्लभभाई अंबावतिया विधायक कांग्रेस
(12)2003 में फूलचंद वेदिया विधायक भाजपा
(13)2008 में संतोष जोशी विधायक भाजपा
(14)2013 में मुरलीधर पाटीदार विधायक भाजपा
(15)2018 में राणा विक्रम सिंह विधायक निर्दलीय