राकेश बिकुन्दीया सुसनेर। मां की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि में क्षेत्र भर में देवी स्थानों पर भक्तो का तांता दर्शन करने हेतु लगा हुआ है। ऐसा ही एक प्राचीन चमत्कारी मंदिर तहसील मुख्यालय से 12 किमी दुर गांव मोडी में स्थित है, यहा प्राचीन मां शीतला माता का मंदिर है। जहां पर नवरात्र में दूर दराज से श्रद्घालु माता के दर्शन करने आ रहे हैं। इस प्राचीन मंदिर में मां शीतला पिण्डी रुप में विराजमान है, जो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है।
मंदिर समिति के मुख्य पुजारी कोटवार सत्यनारायण बोहरा ने बताया कि मां शीतला यह मंदिर प्राचीन और चमत्कारी है। यहां पर श्रद्घालु जो भी मनोकामना मांगते हैं वह जल्दी ही पूर्ण होती है। मंदिर में आये श्रद्धालु दिनेश कुमार मेहता ने बताया है कि वह विगत 10 वर्षों से यहां आ रहे हैं। और मातारानी के आशीर्वाद से उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
वहीं उज्जैन के महाकाल मंदिर पुजारी सतीश शर्मा ने भी मंदिर का मकान करते हुए बताया कि मंदिर दिव्या एवं चमत्कारी है जहां पर निसंतान दपति संतान होने की मनोकामना लेकर आते हैं। मंदिर में आगर , शाजापुर, राजगढ़, झालावाड़, राजस्थान सहित क्षेत्रभर से श्रद्घालु नवरात्र सहित वर्षभर दर्शन करने आते हैं।
मनोकामना पूरी होने पर पालना चढ़ाने की है परंपरा
मां शीतला माता मंदिर परिसर में ही प्राचीन खोखली माता का मंदिर है। जहां पर मनोकामना मांगने पर बांझ को भी संतान प्राप्ति होती है। मनोकामना पूरी होने पर भक्तों द्वारा यहां पालना भेंट किया जाता है। नवरात्रि में विशेष पुजा आरती का आयोजन मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। वहीं मंदिर प्रांगण में 101 दीपक का दीपमाल भी स्थिति है जो कि हर नवरात्र में प्रतिदिन भक्तों द्वारा प्रज्वलित किए जाते हैं।