राकेश बिकुन्दीया, सुसनेर। रावण समाज में बुराई का प्रतीक है। हम हर साल रावण के पुतले को जलाकर खुशिया मनाते है, पर क्या हम अपने अंदर बैठे रावण को मार पाए है, आइए इस विजयादशमी पर हम उन दशाननरूपी बुराइयों को जड से मिटाने का संकल्प लें, जिससे समाज में रामराज की स्थापना हो सके। अपना शहर अयोध्या बन जाय यहां कोई किसी से भेद- भाव न रखे। सब मिलजुलकर रहें। यहां घरो में राम- लक्ष्मण जैसे भाई और सीता जैसी बहुएं और कौशल्या जैसी सास हो।
इन बुराइयों को दूर करने का ले संकल्प
1- बैरोजगारी– बेरोजगारी क्षेत्र में क्राइम की वजह बन रही है। संकल्प ले इस बार अपने क्षेत्र में अच्छे उद्योग और व्यापार को बढावा देकर बैरोजगार युवाओ को रोजगार के अवसर प्रदान करके क्षेत्र से बैरोजगारी को दुर करने का प्रयास करे।
2- भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार ने देश की अर्थ व्यवस्था और आम आदमी पर बहुत ही विपरित प्रभाव डाला है। तो क्यों न हम भी इस दशहरे पर भ्रष्टाचार पर विजय होने का संकल्प ले।
3- नशा- क्षेत्र में मादक पदार्थो का सेवन बढता जा रहा है युवा पीढी इस और तेजी से अग्रसर हो रही है। इसके सेवन से सैकडो लोग केंसर जैसी बीमारी से पीढित है। हम संकल्प ले और कार्यक्रम आयोजित नशामुक्ति के लिए लोगो को जारूकर करने का प्रयास कर।
4- कुरीतियां– सामाजिक कुरीतियां क्षेत्र को पिछडा बना रही है। इस दशहरे पर संकल्प ले इन कुरीतियों को त्यागे और दुसरो को भी जागरूक करे।
5- गंदगी– साफ- सफाई में कमी सब बताते है लेकिन सहयोग कोई नही करता। संकल्प ले प्रधानमंत्री के द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान से जुडकर हमारे नगर को स्वच्छ बनाने का।
6- मवेशी– सडको पर आवारा घुमने वाले मवेशी दुर्घटनाओं की वजह बन रहे है। इस विजयादशमी पर संकल्प ले और सडको पर हो रहे मवेशीयो के जमघट होने से रोकने का।
7- छेडखानी– छेडखानी की घटनाएं हमारी गिरती नैतिकता को दिखाती है। महिलाएं आज भले ही अपनी प्रतिभा का लोहा मानवा रही है लेकिन महिलाओ के प्रति लोगो की मानसिकता आज भी नही बदली है। महिलाएं तभी ही खुद को सुरक्षित महसूस करेगी जब हम आचरण में बदलाव लाएंगे।
8- ट्रेफिक– ट्रेफिक जाम आज दुर्घटनाओ की वजह बना हुआ है। इस दशरहे पर हम संकल्प ले की स्वयं ट्रेफिक नियमो का पालन करेंगे और दुसरो को भी जागरूक करेंगे।
9– पानी की बर्बादी- हम इनते लापरवाह है की पानी की कमी होने के बावजूद भी हम नलो से बहते पानी का दूरूपयोग करते है। पानी को व्यर्थ बहने से बचाने का संकल्प ले।
10 –सुरक्षा– हम अपनी और अपने समाज की सुरक्षा करते चले। शास्त्रो में कहा गया है धर्म का अनुसरण करने वाले का और धर्म की रक्षा करने वाले का कभी पतन नही होता है। इस दशहरे पर धर्म की रक्षा करने का संकल्प ले।