सुसनेर। बीती रात 12 बजते ही शहर के संतोष केथौलिक हाई स्कूल में प्रभु यीशु का जन्म हुआ तो पूरा चर्च व स्कूल परिसर खुशियों से झुम उठा। प्रभु यीशू का जन्मोत्सव बडी धूमधाम के साथ इसाई धर्मावलम्बियों के द्वारा मनाया गया। चर्च में विशेष धर्मसभा का भी आयोजन कर चल समारोह भी निकाला गया।।आधी रात को प्रभु ईसा मसीह के जन्म लेते ही लोग खुशी से झूम उठे। लोगों ने चर्च में प्रार्थना कर जश्न मनाया। साथ ही एक दूसरे को क्रिसमस पर्व की शुभकामनाएं दी।
प्रभु यीशु के जन्मोत्सव के अवसर पर रोशनी से सजाया गया चर्चा लोगो के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहा। चर्च के समीप सजाई गई गोशाला की झांकी में आधी रात के 12 बजे प्रभु यीशू ने जन्म लिया। घंटे घड़ियाल बजें, मोमबत्तियां झिलमिलाई, विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया, बधाई गीत गाए गए।
भगवान यीशु का जन्म होते ही ईसाई समुदाय के लोग पूरी रात जश्न में डूबे रहे। लोगों ने अपने प्रियजनों को आकर्षक उपहार देकर एक दूसरे को बधाई दी। साथ ही मोबाइल, फेसबुक, वाट्सएप आदि हाइटेक संसाधनों से क्रिसमस बधाई देने का सिलसिला सुबह तक चलता रहा।
इस अवसर पर विद्यालय के मैनेजर फादर जोजी टिडी ने प्रभु ईशु के जन्म पर प्रभु ईशु का संदेश देते हुवे बताया कि जहाँ प्रभु के अमूल्य वचन सुने जाते है वहा सदा प्रसन्नता और खुशहाली रहती है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां संत का आगमन होता है वहां बड़ी सँख्या में श्रद्धालु पहुँते है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का जन्म मानव जाति के उत्थान के लिए हुआ था।
ऐसे में क्रिसमस पर्व पर हम सभी को प्रभु यीशु के सिद्घांतों को अपनाते हुए दूसरों की मदद करने का संकल्प लेना चाहिए। क्रिसमस का दिन विश्व में प्रभु ईसा का शुभ संदेश लेकर आता है। क्रिसमस पर्व पर समाज के बेसहारों, दुखियों, पीड़ितों और निर्धनों के प्रति दिलचस्पी दिखाकर नई मानवता और समाज का निर्माण करने की आवश्यकता है।