आज पाषाण है कल प्राण होंगे
कोटि हिंदुजनो के प्रिय मान होंगे
भारत के सब पूरे काम होंगे
जब जन्मभूमि में विराजित श्रीराम होंगे
कृष्णशिला पर अवधेश की मूर्ति आकार लेगी
सहस्त्रों सनातनियों की भावना साकार होगी
5 शताब्दियों तक संघर्ष करने वाले
श्रीचरणो में बैठे कर रहे अभिमान होंगे
जब जन्मभूमि में विराजित श्रीराम होंगे
म्लेच्छ यवनों के लिए अग्निबाण होगा
जब रामलला विराजमान का धनुष सन्धान होगा
मारुतिनंदन की गदा से हरते प्राण होंगे
जब जन्मभूमि में विराजित श्रीराम होंगे।