तीन थानो का पुलिस बल पहुंचा था मोके पर, एसडीओपी के साथ सुसनेर, सोयत, नलखेडा थाने के टीआई थे मोजूद
मालवा खबर @ राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर।
शहर समेत ग्रामीण अंचल में सट्टे का कारोबार बडी मात्रा में फलफूल रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन कभी कार्रवाई नहीं करता और जब कार्रवाई करने का मन बनाता है तो कुछ हाथ नहीं लगता, क्यों की जब तक पुलिस मोके पर पहुंचती है तब तक सट्टे के जादूगर मोके से गायब हो चुके होते है। अब इसे पुलिस की कमजोरी कहे या कुछ और यह तो पुलिस प्रशासन ही जाने। बीती देर रात को भी कुछ ऐसा ही घटनाक्रम हुआ। पुलिस सट्टे के अड्डे पर दबिश देने पहुंची तो सही लेकिन कुछ नहीं मिला इस वजह से खाली हाथ ही निराश होकर वापस लोटना पडा।
दरअसल गुरूवार की रात्रि 2 बजे के लगभग सुसनेर एसडीओपी पल्लवी शुक्ला, थाना प्रभारी अनिल कुमार मालवीय, नलखेडा थाना प्रभारी शशि उपाध्याय, सोयत थाना प्रभारी यशवंतराव गायकवाड बडी मात्रा में पुलिस बल लेकर नरबदिया नाला क्षेत्र में पहुंचे यहां पर उन्होने सट्टे का संचालन करने वालो को तलाशने की काफी कोशिश की उनके अड्डो की भी तलाशी ली लेकिन उन्है कुछ नहीं मिला। इस मामले में एसडीओपी पल्लवी शुक्ला का कहना है की हमने 2 से ढाई माह पूर्व भी दबिश डालने का प्रयास किया था लेकिन कुछ नहीं मिला था। हमारे पास लगातार शिकायते मिल रही थी। इसलिए पुलिस प्रशासन ने नरबदिया नाला क्षेत्र में कार्रवाई करने के लिए तीन थानो का पुलिस फोर्स एकत्रित किया था जिसमें नलखेडा, सुसनेर और सोयत का पुलिस बल भी शामिल था। पुलिस मोके पर पहुंची लेकिन वहां से सट्टे से सम्बंधित कोई सबूत नहीं मिले।
इनका कहना-
सट्टे के अड्डे पर पुलिस प्रशासन के द्वारा कार्रवाई को लेकर दबिश डालने हेतु सुसनेर, नलखेडा व सोयत थाने के टीआई के साथ ही बडी संख्या में पुलिस फोर्स बुलाया गया था। हम नरबदिया नाला क्षेत्र में पहुंचे भी थे लेकिन मोके से कोई सबूत हाथ नहीं लगे है। हमे फिर से प्रयास करेंगे।
पल्लवी शुक्ला
एसडीओपी, सुसनेर।