जनपद पंचायत सुसनेर के अन्तर्गत आने वाली 16 ग्राम पंचायतो में पहले दिन 1337 गायो को मिला ठिकाना, और बढेगी गायो की संख्या
सुसनेर। एशिया के प्रथम कामधेनु गो अभ्यारण सालरिया का संचालन जब निजी हाथो में गया तो इसकी दिशा और दशा दोनो में सुधार आया। पथमेडा के संत अब इसको वास्तविक रूप में गो तीर्थ बनाने में लगे हुएं है। यही कारण है की अब प्रदेश सरकार मध्यप्रदेश में भी शेष बची हुई गोशालाओ का भी संचालन शुरू कर रही है। गो संरक्षण की दिशा में कदम बढाते हुएं जिला कलेक्टर राघवेन्द्रसिंह के निर्देश पर 14 फरवरी बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर सुसनेर जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाली 16 ग्राम पंचायतो को भी एनजीओ को सोपते हुएं इनमें गो पूजन कर गायो का प्रवेश कराते हुएं इनका संचालन शुरू किया गया। पहले दिन इन गोशालाओ में 1337 गायो को ठिकाना मिला है जिनमें गायो की संख्या और बढाई जाने की उम्मीद है। जिला पंचायत सीईओ हरसिमरन प्रीत कौर, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश कुमार शाक्य व ढाबला केलवा पंचायत के सरपंच ईश्वर सिंह तथा अन्य जनप्रतिनिधियो ने गोपूजन कर फीता काटकर के गायो का गौशाला मे प्रवेश कराकर गौशालाओ का शुभारंभ किया है।
जनपद सीईओ राजेश शाक्य ने बताया की बसंत पंचमी के अवसर पर ग्र्राम पंचायत आंकली , खनोटा , छापरिया, सोयतखुर्द, ढाबला केलवा, माणा, कजलास, डोगरगॉव, दीवानखेडी, मालनवासा, अमरकोट, पिपल्यानानकार, ननोरा, बारेखेडी कांवल, कंठालिया का खेडा व कंवराखेडी पंचायत की गौशाला का संचालन शुरू किया गया है। जिसमें 1337 गायो को रखा गया है आगे इन गोशालाओ में सुविधाओ के बढने अनुरूप गायो की संख्या और भी बढाई जा सकेगी। इस अवसर पर मनरेगा के परियोजना अधिकारी, नोडल अधिकारी, जनपद के सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।