Jain Muni Acharya Vidyasagar Ji Maharaj Samadhi: विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार देर रात समाधि ले ली. करीब 6 महीने पहले वे छत्तीसगढ़ पहुंचे थे. यहां डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में रुके हुए थे. लंबे समय से उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था. 3 दिन पहले ही आचार्य विद्यासागर जी ने आचार्य पद अपने शिष्य निर्यापक मुनि समयसागर को सौंप दिया था और सल्लेखना की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. जैन समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज ने 3 दिन पहले विधि-विधान से समाधि प्रक्रिया यानी सल्लेखना शुरू कर दी थी. इसके तहत उन्होंने अन्न-जल का पूर्ण त्याग कर दिया था. इसके बाद शनिवार देर रात करीब 2:35 बजे पर आचार्य ने देह त्याग दिया.
CM विष्णु देव साय ने जताया शोक
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के देह त्याग पर छत्तीसगढ़ के CM विष्णु देव साय ने शोक जताया है. उन्होंने X पर लिखा- विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ. छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा. आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.
CM मोहन यादव ने दी श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश के CM डॉ. मोहन यादव ने आचार्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए X पर लिखा- विश्ववंदनीय संत आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का समाधिस्थ होना सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है.
परमपूज्य गुरुवर की शिक्षाएं सर्वदा मानवता के कल्याण और जीवों की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेंगी. पूज्य संत श्री की पवित्र जीवन यात्रा को शत-शत नमन!
मध्य प्रदेश BJP प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी X पर पोस्ट करते हुए लिखा- संत शिरोमणि आचार्य भगवंत गुरुदेव प्रवर श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज जी की संलेखना पूर्वक समाधि का समाचार हम सभी के लिए पीड़ादायक है.
पूज्य आचार्य भगवंत तप, ज्ञान, संयम, आराधना और करुणा की प्रतिमूर्ति थे। पूज्य आचार्य भगवंत के श्रीचरणों में कोटि – कोटि नमन. नमोस्तु गुरुदेव!