देहरीया, सालरिया, ननोरा, श्यामपुरा, फरसपुरा व सेमली के जंगल के अलावा गो अभ्यारण परिसर का किया निरीक्षण
राकेश बिकुन्दिया/मालवा खबर
सुसनेर। मध्यप्रदेश में तेजी से लुप्त हो रही गिद्धो की प्रजाति का सर्वे करने के लिए वन विभाग ने 3 दिवसीय सर्वे किया है। इसके तहत सुसनेर वन परिक्षेत्र में भी वन विभाग की टीमो ने जंगलो का भ्रमण कर गिद्धो की गिनती की। 16 फरवरी से लेकर 18 फरवरी तक चले इस सर्वे के दोरान सुसनेर वन परिक्षेत्र में कूल 21 गिद्ध पाये गए है। जिनकी रिपोर्ट तैयार कर स्थानीय वन विभाग ने वरीष्ठ कार्यालय को भेजी है। रविवार को सर्वे के अंतिम दिन वन विभाग की सुसनेर की टीम ने क्षेत्र की ग्राम पंचायत ननौरा, श्यामपुरा, सेमली एवं सालरिया ग्राम पंचायत के जंगल तथा 1100 एकड़ भूमि पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थापित एशिया के प्रथम गो अभ्यारण्य परिसर का भृमण किया और दूरबीन के जरिये काफी दूरी पर दिखाई दिए गिद्दों की गणना की गई।
वन परिक्षेत्र अधिकारी चंदरसिंह ने जानकारी देते हुएं बताया की प्रदेशस्तरीय सर्वे दोरान सुसनेर क्षेत्र में 3 दिनो तक गिद्धो की गणना करने के लिए सर्वे किया गया है। इसके तहत बीट प्रभारीयो के साथ टीमो का गठन कर जंगलो में गिद्धो की गणना करवाई गई है। पहले दिन देहरीया के जंगल में 7 गिद्ध दिखाई दिये। उसके बाद दूसरे दिन दूसरे दिन 5 और तीसरे दिन सालरिया गो अभ्यारण परिसर में 9 गिद्ध दिखाई दिये। इस तहर से 2 दिनो के सर्वे में कूल 21 गिद्धो की गणना वन विभाग के द्वारा की गई है। ज्यादातर सुसनेर क्षेत्र के जंगलो में भूरे रंग के गिद्ध पाये गए है।
गोरतलब है कि जबसे भारत में हरित क्रान्ति के नाम से जहरयुक्त रासायनिक खेती प्रारम्भ हुई है तब से पर्यावरण को संरक्षित करने वाले वन्य प्राणी भी विलुप्त हो गए है लेकिन 01 जनवरी 2023 से विश्व के लोक प्रसिद्ध गो सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक गो ऋषि स्वामी दत्त शरणानन्द जी महाराज के सानिध्य में संचालित एशिया के इस प्रथम श्री कामधेनु गो अभ्यारण्य में जहर मुक्त खेती के कारण आज भी यहां गिद्दराज जटायू जैसी दुर्लभ प्रजाति सहित हिरण व विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणी मोजूद है। जो अभ्यारण्य की भूमि में स्वच्छंद विचरण कर रहें है।