जिला कलेक्टर ने लगाई थी रोक, नहीं हो रही कोई कारवाई
सुसनेर। इन दिनों क्षेत्र में भूसा बिक्री करने वाले दलाल सक्रिए हैं। ब़ड़े स्तर पर भूसा जिले से बाहर बेचा जा रहा है जिससे जिले की गौशालाओं में गौवंश की दुर्दशा होना निश्चित है। कलेक्टर ने आदेश जारी कर भूसे को जिले के बाहर ले जाने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है परन्तु उसका क़ड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा है। देखने में आ रहा है कि कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले का गौवंश सड़कों पर घूमने को मजबूर है। गौशालाओं में साल भर के लिए भूसे की खरीद नहीं हो पा रही है क्योंकि जिले में बिचौलिए सक्रिय है। बिचालियों के कारण भूसा की कीमतें आसमान छू रही है। समय रहते यदि शीघ्र रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में जिले की गौशालाओं में रहने वाला गौवंश भी भूखा रहने के लिए मजबूर होगा।
कुछ दिनो पूर्व ही जिला कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने एक आदेश जारी करते हुएं जिले के बाहर की सीमा में भूसे के परिहवन करने पर रोक लगाई थी। ताकि आगर जिले में पर्याप्त मात्रा में पशुओ के लिए आहार उपलबध हो सके। किन्तु उसके बाद भी सुसनेर थाना क्षेत्र में इसका परिवहन करने वाले लोगो पर कारवाई शुरू नहीं की गई। जिसके चलते प्रतिदिन हर रोज राजस्थान के डग व पिडावा क्षैत्र में अवैध रूप से भूसे का परिवहन किया जा रहा है। सोमवार को भी उज्जैन-झालावाड राष्ट्रीय राजमार्ग से सुसनेर पुलिस थाने के सामने भूसे से भरे टैक्टर अवेध परिवहन करने के लिए जाते हुएं दिखाई दिये। इन पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा कारवाई नहीं किये जाने के कारण इन लोगो के हौंसले बुलंद है। यदी ऐसी ही हालत बनी रही तो आने वाले समय में सुसनेर क्षेत्र में पुशओ के लिए आहार की समस्या खडी हो जाएगी। साथ ही सालरिया कामधेनु गो अभ्यारण व अन्य गोशालाओ में भी गायो के लिए भूसे की व्यवस्था करने के लिए प्रशासन को परेशानियो का सामना करना पड सकता है।
कलेक्टर ने जारी किया था आदेश
कलेक्टर के द्वारा आदेश जारी करते हुएं बताया था की आगामी दिनों में आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु व्यक्तियों, कृषक और व्यापारियों द्वारा पशु चारे का जिले के बाहर निर्यात की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश चारा (निर्यात, नियंत्रण) आदेश 2000 के निहित प्रावधानों के तहत पशु चारे का उपयोग ईट भट्टे एवं फैक्ट्री में जलाने तथा जिले की सीमा से बाहर परिवहन करने पर रोक लगाई है। यह आदेश आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा। किन्तु उसके बाद भी सुसनेर क्षेत्र में धडल्ले से भूसे का अवेध परिवहन जारी है।
सुसनेर से पास पडती है राजस्थान सीमा
दरअसल सुसनेर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ही राजस्थान की सीमा लग जाती है। और इसी का फायदा उठाते हुएं कुछ कतिपय लोग भूसे का अवैध परिवहन करने में सफल हो रहे है। सुसनेर के डग मार्ग की और जाने वाले मार्ग पर एवं पिडावा रोड पर पटपडा के बाद से ही राजस्थान की सीमा प्रारंभ हो जाती है। इन मुख्य मार्गो के अलावा ग्रामीण अंचल के रास्तो से भूसे का परिवहन किया जा रहा है। चुकी इन मार्गो पर पुलिस का पहरा नहीं रहता है। इसलिए बढी तादाद में यह परिवहन जारी है।