राकेश बिकुन्दिया, सुसनेर। जमीन के सौदागरों के आगे स्थानीय प्रशासन क्यो नतमस्तक है यह बात लोगों की समझ से परे है, नलखेड़ा में अवैध कालोनियों का मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद राजस्व विभाग ने अवैध कालोनियों की जांच शुरू कर दी है, किंतु प्रशासन सुसनेर में फैल रही अवैध कालोनियों की जांच करने के नाम पर क्यो चुप्पी साधे हुए है यह बड़ा सवाल है। खास बात यह है कि सुसनेर में तो तहसील व एसडीएम कार्यालय से कुछ ही दूरी पर ही अवैध कालोनियां भूमाफियाओ के द्वारा काटी जा रही है, यह सब कुछ प्रशासन के संज्ञान में होने के बाद भी प्रशासन कार्रवाई करने को तेयार नही है। कारवाई नही होने के चलते भूमाफियाओं ने धीरे-धीरे कर के नगर की अधिकांश शासकीय जमीन बेच दी है। यही कारण है कि अब नगर में प्रशासन के पास कुछेक सर्वे नम्बरो को छोड़कर शासकीय जमीन ही नही बची है। इसलिए शासकीय भवनों को भी मजबूरन शहर से 1 किलोमीटर की दूरी पर बनाना पड़ रहा है।
दर्जन भर ग्रुप भूमाफिया के सक्रीय
नगर में शासकीय जमीन को बेचने के लिये नगर में दर्जनभर से भी अधिक भूमाफिया के ग्रुप सक्रिय है। शासकीय जमीनों के दस्तावेजो में हेराफेरी करके उन्हें बेचने का यह काम राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत से ही हो रहा है। ये ग्रुप इतने सक्रिय है कि जब भी प्रशासन कार्रवाई करने का मन बनाता है। भुमाफिया मोके से फरार हो जाते है, कई बार प्रशासन अवैध कॉलोनीयो की जांच करने सीमांकन का कार्य भी शुरू करता है लेकिन फिर उसे अधर में छोड़कर गायब हो जाता है। नगर में सक्रिय हो रहे भूमाफिया के ग्रुपों में कुछ लोग ऐसे भी शामिल है जो राजनेतिक दलों से भी सम्बंध रखते है। लेकिन जिन राजनेताओं के दम पर यह खेल किया जाता है उन्हें यह नही पता कि ये भूमाफिया उनकी साख पर भी बट्टा लगा रहे है।
प्रशासन करे जांच तो सामने आ सकती है सच्चाई
यदि प्रशासन नगर की सभी अवैध कालोनियों की जांच करे तो पूरी सच्चाई सामने आ सकतीं है साथ ही साथ कई बीघा शासकीय जमीन को भी इन भूमाफिया के चुंगल से छुड़ाया जा सकता है। जिन पर भविष्य में शासकीय इमारते तैयार हो सकती हैं। अब देखना यह है कि राजस्व विभाग इसको लेकर कार्रवाई करता है या नही?
