वृक्ष गंगा अभियान के अंतर्गत प्रज्ञाकुंज आमला में गायत्री परिवार ने किया तरु पुत्र महायज्ञ का आयोजन, रोपित किये गए 700 पौधे
सुसनेर। वृक्ष प्रकृति की अमूल्य धरोहर है, वृक्ष फल फूल औषधि ही नही देते वरन वे छाया और प्राणदायनी ऑक्सीजन भी देते है। मानव जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक कम से कम पांच पेड़ो का उपभोग करता है इसीलिए वृक्षों की महत्ता है, पृथ्वी पर भूमि, जल, अग्नि, आकाश और वायु सब में वृक्ष समाहित है। ये विचार गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि के रूप में सेंधवा आश्रम के पंडित मेवालाल पाटीदार ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होने अपने प्रेरक उदबोधन में यह भी आग्रह किया कि प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति के ऋण को उतारने के लिए काम से काम दस वृक्ष लगाकर उनको बड़ा करना चाहिए इससे सात पीढ़ियों के पितृ भी तृप्त होते है। दरअसल सोमवार को श्रीराम आरण्यक प्रज्ञाकुंज आमला में अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा वृक्ष गंगा अभियान के अंतर्गत तरु पुत्र महायज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें दम्पतियों, विद्यार्थियों व गणमान्य नागरिकों ने 700 पोधेरोपित किये। इस आयोजन में आगर, सुसनेर, नलखेड़ा, मोड़ी व ग्रामीण अंचल के श्रद्धालुओं ने सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ युगसंगीत द्वारा देवपूजन से हुआ। देवमंच से शांतिकुंज से प्रशिक्षित आचार्यों ने तरुपूजन, तरुमिलन और तरु आहुतियां समर्पित करवाई गई। रोपित किए गए पौधों की तस्वीरों को वायुदूत व अंकुर एप पर भी अपलोड किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक राणा विक्रम सिंह, गायत्री परिवार के मणिशंकर चौधरी, प्रज्ञाकुंज कुंज आमला के ट्रस्टी संतोष खजुरिया व बड़ी सँख्या में गायत्री परिजन व श्रद्धालु उपस्थित रहे।