डोंगरगांव से शंकर कारपेंटर काका की रिपोर्ट
डोंगरगांव – डोंगरगांव में सुहागिन महिलाओं ने शुक्रवार को हरतालिका तीज वृत के पर्व के अवसर पर पूरे दिन ओर रात अन्न जल त्याग कर अपने पति के लिए व्रत रखा। एवं शाम को अलग अलग समुह के रुप मे इकट्ठा होकर महिलाओं द्वारा जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किए गये। जिसमे हर महिला नये नये परिधानो के साथ माथे पर बिंदिया हाथो मे मेहंदी एवं सतरगी चूडीयां के साथ पांवो मे छम छमाती पायल सर पर लाल चुनर से सज धज कर नई नवेली दुल्हन की तरह शाम को भगवान शिव और माता पार्वती जी की झांकीयां बना कर 36 तरह के वृक्षों की पत्तियों के साथ मेहंदी – कुमकुम – हल्दी – फल एवं सुहागनो जैसी कई तरह की सामृगीयो से शिव पार्वती जी की पूजा अर्चना करने के साथ पंडित जी से कथा सुन कर अपने अपने पतियों के लिए विशेष कर लम्बी उम्र की कामनाऐ की। वही सभी महिलाओं ने पूरी रात भजन किर्तन कर मंगलवार को दूसरे दिन व्रत खोला।
पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं मे बहुत ज्यादा उत्साह दिखाई दिया।
पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं मे काफी ज्यादा उत्साह दिखाई दिया। सभी ने बडे उत्साह पूर्वक भगवान् शिव पार्वती एवं गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना की
महिलाओं के लिए यह पर्व विशेष।
महिलाओं के लिए यह पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि भादौ माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया को हरतालिका तीज का वृत किया जाता है। जिसमे शिव पार्वती के पूजन का यह पर्व शिव जी की तरह अच्छा पति पाने की आकांक्षा के लिए हर महिलाएं एवं कन्याएँ यह व्रत करती है।
कहावत हे कि इस व्रत के करने से मन चाहा पति भी प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार यह माना गया हेकि जो लड़की मन से पूरे विधिविधान के साथ इस व्रत को करती है तो उसे भी मनचाहा पति अवश्य प्राप्त होता है। इसी लिए हरतालिका तीज का यह व्रत पार्वती जी के प्रेम ओर इच्छा शक्ति के विजय का प्रतीक है। इसी लिए हरतालिका तीज का व्रत महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतो मे से एक माना जाता है।
यहा भी मनाया गया हरतिलीका तिज का पर्व
श्रीपतपुरा,बराई,किशनपुरा,गुराडिया,पिपल्याखेडा,साल्याखेडी मे भी महिलाओं ने हरतालिका तीज का वृत मनाते हुए अपने जीवन साथियों के लिए लम्बी उम्र की कामानांऐ की।